अहंकार के कुएं से अतिक्रमण अधिकारियों को बाहर निकालना जरूरी

0

पुणे : पुलिसनामा ऑनलाईन – पुणे मनपा के अतिक्रमण विभाग के इंस्पेक्टर व अधिकारियों द्वारा गलत पद्धति से कार्रवाई की जा रही है। नगरसेवकों की किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया जाता। इस प्रकार से मनमाना कामकाज करने वाले अहंकारी अधिकारियों पर अंकुश लगाना जरूरी है। सबसे अधिक भ्रष्टाचार अतिक्रमण विभाग में ही जारी है। अतिक्रमण इंस्पेक्टर्स द्वारा हफ्ता वसूली की जाती है, यह आरोप सर्वदलीय नगरसेवकों द्वारा पुणे मनपा की साधारण सभा में लगाया गया। मनपा के अतिक्रमण विभाग के कामकाज पर भी कड़ी टिप्पणियां की गईं।

वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था
चार दिनों पहले हड़पसर में अतिक्रमण कार्रवाई करते समय महिला पुलिसकर्मियों द्वारा महिला व्यवसायियों से मारपीट करने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इस घटना की तीव्र प्रतिक्रिया मनपा की साधारण सभा में सोमवार को जाहिर हुई। इससे पहले शिवसेना के नगरसेवक बाला ओसवाल ने अतिक्रमण इंस्पेक्टर के गलत कामकाज की लिस्ट बताई। उन्होंने बताया व्यवसायी पर कार्रवाई करते समय संबंधित व्यवसायी का मोबाइल फोन अतिक्रमण इंस्पेक्टर ने छीन लिया। मोबाइल वापस दिलाने पुलिस में शिकायत करने पर, संबंधित व्यवसायी का मोबाइल पुलिस स्टेशन में वापस दिया गया, लेकिन बाद में संबंधित अतिक्रमण इंस्पेक्टर ने झूठा केस मेरे खिलाफ दर्ज कराने का प्रयास किया। नागरिकों के कार्य के लिए फोन करने पर नगरसेवकों को फंसाने का प्रयास होता होगा, तो यह गंभीर बात है। संबंधित इंस्पेक्टर पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई।

अतिक्रमण विभाग के कार्यपद्धति पर टिप्पणी की
उपमहापौर डॉ। सिद्धार्थ धेंडे ने भी अतिक्रमण विभाग के कार्य पद्धति पर टिप्पणी की। अतिक्रमण अधिकारी अहंकारी हो गए हैं। अतिक्रमणों पर कार्रवाई करने के बाद खाली हुई जगह पर रिश्तेदारों को बिठाया जाता है। झूठा बायोमेट्रिक कर रजिस्ट्रेशन कराया जाता है। अन्य व्यवसायियों को नगरसेवकों के नाम बताकर बदनाम किया जाता है। प्रिया गदादे ने सवाल पूछा कि महिला व्यवसायियों से मारपीट का अधिकार किसने दिया? भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं होने पर नगरसेविकाएं चुप नहीं रहेंगी।धीरज घाटे ने कहा कि मनपा सभागृह ने 5 हजार रुपए जुर्माना तय कर अतिक्रमण अधिकारियों को गलत अधिकार दिया है। इस अधिकार की मंंजूरी मिलने के बाद रुपए ऐंठने गलत पद्धति से व्यवसायियों का शोषण किया जा रहा है। कार्रवाई का डर दिखाकर हफ्ता जमा किया जाता है। सबसे अधिक भ्रष्टाचार अतिक्रमण विभाग में ही होता है। कुछ अधिकारी नगरसेवकों को अहंकारी जवाब देते हैं।

You might also like
Leave a comment