जयपुर, 11 जून : राज्य में और एक सीडी प्रकरण सामने आया है। सीडी वायरल होते ही सरकार के एंटी क्रप्शन ब्यूरो ने केस दर्ज किया है। इस मामले को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि इसकी तैयारी काफी पहले से की जा रही थी। यह सीडी कहा से आया और किसने रिलीज किया है इस संबंध अब तक जानकारी नहीं मिल पाई है। लेकिन सीडी के वायरल होते ही राजस्थान सरकार से एसीबी ने जिस तरह से केस दर्ज किया है उसे देखते हुए लगता है की इसकी तैयारी काफी पहले से हो रही थी।
सीडी में जयपुर ग्रेटर कॉर्पोरेशन के सस्पेंड महापौर सौम्या गुर्जर के पति राजाराम गुर्जर बिल मंजूर करने के बदले पैसे के लेनदेन को लेकर साफ-सफाई करने वाली कंपनी के प्रतिनिधि से बात कर रहे है। उनके साथ राज्यस्थान में संघ प्रचारक की भूमिका निभाने वाले निंबा राम भी नज़र आ रहे है।
वसुंधरा राजे की कार्यकाल में इस कंपनी को कचरा जमा करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। इसका बिल देने के लिए सस्पेंड सौम्या गुर्जर और भाजपा के तीन कार्यकर्ता ने मनपा आयुक्त पर हमला कराने का आरोप लगा था। इसे देखते हुए जयपुर ग्रेटर कॉर्पोरेशन की महापौर सौम्या गुर्जर और भाजपा के तीन नगरसेवक पारस जैन, अजय चौहान और शंकर शर्मा को सस्पेंड कर दिया गया था।
हमले के दूसरे दिन सौम्या गुर्जर को राजस्थान सरकार ने सस्पेंड कर दिया। कुछ कांग्रेसी नेता ने इसका विरोध किया था। भाजपा भी इसका विरोध कर रही है।
वायरल सीडी पर राजाराम गुर्जर ने कहा कि यह सीडी फ़र्ज़ी है। मैं किसी से लेनदेन को लेकर बात नहीं कर रहा हूं। संघ ने इस पर अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। भाजपा नेता भी इस मुद्दे पर मौन है। परिवहन मंत्री प्रताप खाचरियावास ने कहा है कि सत्य जो कुछ भी है वह सामने आएगा।
यह सीडी वायरल होने के बाद एसीबी ने खुद से ही इस मामले में केस दर्ज किया है। एसीबी के डीजी बीएल सोनी ने बताया कि हमने मामला दर्ज कर लिया है। जांच चल रही है. सौम्या गुर्जर के सस्पेन्शन मामले की सुनवाई आज राजस्थान हाई कोर्ट में होगी। राजस्थान सरकार ने इससे पहले ही कैवेंट दाखिल किया है।
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