अपराधियों को ‘कटघरे’ में खड़ा करने वाले ‘जज’, आज खुद कटघरे में; देश के इतिहास में पहली बार CBI करेगी HC के सिटिंग ‘जज’ पर केस दर्ज

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–    जस्टिस एसएन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 2018 से रोक लगी है  

पोलिसनामा ऑनलाईन – अपराधियों को कटघरे में खड़ा कर सजा का ऐलान करने वाले जज आज खुद कटघरे में खड़े हो गए हैं. न्याय की मूर्ति माने जाने वाले जज अन्याय या कानून के खिलाफ जाकर कुछ अनैतिक कार्य करें, यकीन नहीं होता. लेकिन हमारे देश के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी सिटिंग जज पर CBI मुकदमा करेगा.

कौन है आरोपी जज, क्या है मामला

बता दें कि हाईकोर्ट के जस्टिस एसएन. शुक्‍ला पर भ्रष्‍टाचार के गंभीर आरोप हैं. जस्टिस शुक्‍ला पर यूपी के मेडिकल कॉलेज में MBBS के लिए प्रवेश में अपने पद का गलत उपयोग और गड़बड़ी करने के आरोप हैं. सूत्रों के मुताबिक प्राइवेट मेडिकल कॉलेज को लाभ पहुंचाने के लिए जस्टिस शुक्‍ला ने सत्र 2017-18 में प्रवेश की समयसीमा बढ़ा दी थी, जो कि सुप्रीम कोर्ट के नियमों के खिलाफ है.

इतना ही नहीं इस खुलासे के बाद से जस्टिस एसएन शुक्ला के न्यायिक फैसले लेने पर जनवरी 2018 को रोक लगा दी थी, जो की अभी तक बरकरार है.

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने CBI

देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज जस्टिस एसएन शुक्ला पर कार्रवाई के आदेश दे दिए है. CBI अब जस्टिस एसएन शुक्ला के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधी कानून (प्रिवेंशन ऑफ करप्शन ऐक्ट) के अंतर्गत केस दर्ज करने कर सकती है. ऐसा देश के इतिहास में पहली बार होने जा रहा है, जब CBI हाईकोर्ट के किसी सिटिंग जज के खिलाफ केस दर्ज करेगा.

चीफ जस्टिस की समिति ने भी पाया दोषी

उत्तर प्रदेश के महाधिवक्ता राघवेंद्र सिंह की शिकायत पर मामले की तक जाने के लिए सितंबर 2017 में सीजेआई दीपक मिश्रा ने एक आंतरिक जांच समिति गठित की थी, जिसमें कई राज्यों के चीफ जस्टिस शामिल थे. इस समिति ने जज एसएन शुक्ला को दोषी पाया है.

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