कमल हासन को चाहिए ‘बैटरी टॉर्च’ चुनाव चिन्ह, इसलिए पहुंचे अदालत 

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चेन्नई. ऑनलाइन टीम : अभिनय के क्षेत्र में लोहा मनवाने के बाद दक्षिण के जाने-माने कलाकार कमल हासन ने राजनीतिक में जोरदार धमक दी है। वैसे भी तमिलनाडु में फिल्मी लोगों का राजनीति में आने का पुराना इतिहास रहा है। जयललिता और एम करुणानिधि की मौत के बाद राज्य की राजनीति में एक खालीपन आ गया है। ऐसे में अभिनेता रजनीकांत और कमल हासन के आने के बाद राज्य की सियासत में नया बदलाव आया है। याद रहे हाल ही में कमल हासन ने कहा था कि उनकी और रजनीकांत की दोस्ती 44 साल पुरानी है और अगर जरूरत पड़ी तो ये दोनों नेता तमिलनाडु के विकास के लिए साथ आ सकते हैं। वहीं चर्चा है कि हैदराबाद के चर्चित सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी इस गठबंधन से जुड़ सकते हैं। मक्कल नीधि मय्यम (एमएनएम) के प्रमुख और अभिनेता कमल हासन ने कहा कि अगर हम दोनों की विचारधारा में कही कोई मतभेद नहीं है तो हम राज्य और समाज की बेहतरी के लिए एक साथ आ सकते हैं।

बहरहाल, कमल हासन को चुनाव में दम दिखाने के पहले चुनाव चिह्न पाने की लड़ाई लड़नी पड़ रही है। उनकी पार्टी मक्कल निधि मय्यम (एमएनएम) ने मद्रास हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की है कि वह उसे बैटरी टॉर्च का चिन्ह आवंटित करे। एमएनएम ने अपनी याचिका में कहा है कि वह चुनाव चिह्न् (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के प्रावधानों के अनुसार 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों के लिए यह प्रतीक पाने की हकदार है।

बता दें कि हाल ही में चुनावी पैनल ने एमएनएम के 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में उसे ‘बैटरी टॉर्च’ का चिन्ह आवंटित करने का अनुरोध ठुकरा दिया था, जबकि 2019 में एमएनएम ने इसी चिन्ह से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, उसके बाद भी एमजीआर मक्कल काची को यह चुनाव चिन्ह दे दिया गया। एमएनएम को पुडुचेरी में भी यही चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया है। अब एमएनएम यह चुनाव चिन्ह पाने के लिए कानूनी सहारा ले रहा है। पार्टी के संस्थापक कमल हासन तमिलनाडु में चुनाव लड़ेंगे।

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