खड़से आत्मचिंतन करे, गिरीश महाजन का हमला ; फडणवीस अकेले पार्टी नहीं चलाते है

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मुंबई, 23 अक्टूबर – देवेंद्र फडणवीस की प्रताड़ना की वजह से खड़से के पार्टी छोड़ने की बात कहना बिल्कुल गलत है । पार्टी छोड़ने की नौबत क्यों आई इस पर उन्होंने आत्मचिंतन किया तो नई पार्टी में सुखी रहेंगे। इस तरह का तीखा हमला पूर्व मंत्री और जलगांव जिले के भाजपा नेता गिरीश महाजन ने किया है।

उन्होंने कहा कि खड़से पर भ्रष्टाचार के साथ कई अन्य आरोप लगे। आज खड़से कह रहे है कि मेरे ऊपर कांग्रेस-राष्ट्रवादी के नेताओं ने कभी आरोप नहीं लगाया। लेकिन उस वक़्त विरोधी दलों ने उनके इस्तीफे के लिए राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात कर निवेदन दिया था। सभागृह में भी आरोप लगाया गया था। खड़से को मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। उस वक़्त की स्थिति के लिए फडणवीस कैसे जिम्मेदार हो गए ? भाजपा के किसी भी नेता को लेकर निर्णय सामूहिक होता है। लेकिन केवल फड़नवीस को टारगेट करना खड़से को शोभा नहीं देता है।

खड़से के राष्ट्रवादी में जाने की वजह से जलगांव में भाजपा को भारी नुकसान होगा ? इस सवाल पर महाजन ने कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ेगा। छोटे-बड़े चुनाव में यह आपको नज़र आएगा। भाजपा व्यक्ति केंद्रित पार्टी नहीं है । कार्यकर्ताओं की पार्टी है। जिले की जनता भाजपा के साथ आज भी है और कल भी रहेगी। मैं आज कुछ नहीं कहूंगा लेकिन भाजपा में रहते हुए किसने क्या-क्या किया वह सही समय आने पर बताऊंगा।

पुनर्वसन की संभावना खत्म हो गई थी
जानकारों का मत है कि खड़से के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह पुरे दिल से फड़नवीस के साथ खड़े रहे। खड़से कुछ बोले और पार्टी उसे बर्दाश्त करे, ऐसा नहीं होने वाला था।कहा जा रहा है कि पार्टी ये सोच रही थी कि अगर आज खड़से को बर्दाश्त किया गया तो कल दूसरा नेता उठकर बोलने लगेंगे। इसी वजह से चंद्रकांत पाटिल ने उनसे आखिरी वक़्त तक बात की लेकिन पुनर्वसन का कोई वादा नहीं किया।

बाहर क्यों फेंके गए
फडणवीस के मुख्यमंत्री बनने पर विरोधी दल के नेताओं ने भी जो मान रखा खड़से ने वह मान कभी नहीं दिया। कई बार उन्हें कई लोगों ने फडणवीस से कनिष्ट की तरह बात करते सुना। इसके बाद उनपर भ्रष्टाचार का आरोप लगा । इस घटना के बाद मोदी और शाह ने उनसे पूरी तरह किनारा कर लिया। इसलिए वह बाहर कर दिए गए।

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