खालसा टीवी पर 50 लाख  का जुर्माना, हिंसात्मक कार्रवाई के समर्थन की पुष्टि 

February 13, 2021

लंदन . ऑनलाइन टीम : ब्रिटेन में एक मीडिया निगरानी संस्था ने खालसा टीवी (केटीवी) पर देश के सिख समुदाय को हिंसा और आतंकवाद के लिए परोक्ष रूप से उकसाने के मकसद से एक संगीत वीडियो और एक परिचर्चा कार्यक्रम प्रसारित करने के मामले में कुल 50,000 पौंड (50,24,022 रुपए) का जुर्माना लगाया है। बता दें कि ब्रिटेन में खालसा टीवी के पास सिखों से जुड़े मुद्दे पर प्रोग्राम टेलिकास्ट करने का लाइसेंस है।

जांच में यह बात सामने आई थी कि म्यूजिक वीडियो ‘बग्गा एंड शेरा’ के गाने को जुलाई 2018 में खालसा टीवी पर प्रसारित किया गया था। इसमें इंदिरा गांधी की तस्वीर दिखाई गई थी, जिसमें उनके मुंह से खून निकल रहा था। साथ ही तस्वीर में कैप्शन लिखा था, ‘दुष्ट महिला तुमने निर्दोषों का खून पिया।’ वीडियो में एक गाना भी बज रहा था, ‘योद्धा तुम्हारे साम्राज्य का नाश कर देंगे।’ वीडियो में दिल्ली स्थित लाल किले को जलता हुआ दिखाया गया था।

आरोप के अनुसार,  वीडियो में परोक्ष रूप से अलगाववादियों की हिंसात्मक कार्रवाई का समर्थन किया गया है। इसमें ऑपरेशन ‘ब्लू स्टार’ को अंजाम देने वाले लोगों की हत्या करने वाले शामिल हैं। बयान में आगे कहा गया है कि वीडियो में अन्य लोगों को भी हत्या और हिंसा करने के लिए उकसाया गया था। खालिस्तानी चैनल खालसा टीवी भारत में पिछले 79 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन का भी समर्थन कर रहा है।

किसान आंदोलन की आड़ में ब्रिटेन समेत कई देशों में खालिस्तान समर्थक भारत विरोधी प्रदर्शन कर रहे हैं। 26 जनवरी को लालकिले पर हुई हिंसा के बाद भी इस प्रतिबंधित संगठन ने कई वीडियो और फोटो जारी कर लोगों को उकसाने का काम किया था। सरकार ने सोशल मीडिया पर भी ऐसे संगठनों के द्वारा चलाए जा रहे भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर कई अकाउंट सस्पेंड करवाए हैं।

ब्रिटेन सरकार द्वारा स्वीकृत मीडिया नियामक प्राधिकरण ‘संचार कार्यालय (ऑफकॉम)’ ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किया, जो फरवरी और नवंबर 2019 की जांच के परिणाम पर आधारित है।  संचार कार्यालय ने आदेश में कहा, ”ऑफकॉम ने हमारे नियमों का पालन करने में विफल रहने पर खालसा टेलीविज़न लिमिटेड पर 20,000 पौंड और 30,000 पौंड का अर्थ दंड लगाया है। केटीवी पर 20,000 पौंड का जुर्माना संगीत वीडियो से संबंधित है और 30,000 पौंड का अर्थ दंड परिचर्चा कार्यक्रम को लेकर है। संचार कार्यालय ने पाया कि कार्यक्रम ने कई मेहमानों को ऐसे विचार रखने के लिए मंच दिया जो कार्रवाई का परोक्ष रूप से आह्वान करने और अपराध या अव्यवस्था के लिए उकसाने के समान थे।