जानिए कब और कैसे बनेगा राममंदिर, आज ट्रस्ट की पहली अहम बैठक

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर केंद्र सरकार द्वारा गठित राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की पहली बैठक आज दिल्ली में होगी। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण लोगों की गहरी आस्था का विषय है। इधर निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास ने बताया कि अपने छह और सदस्यों को शामिल करने व पूजा-पाठ का अधिकार मांगने के लिए प्रस्ताव रखेंगे। बताया कि बैठक में राममंदिर निर्माण की तिथि पर भी चर्चा होनी तय है। इस दौरान और भी कई सारे मुद्दों पर चर्चा होगी। जिसमें क्या आम जनता से सहयोग राशि ली जानी चाहिए या नहीं, पारदर्शी तरीकों पर खास तौर पर ध्यान, मंदिर के निर्माण के दौरान रामलला के रखने के स्थान को लेकर भी चर्चा ऐसे कई सारे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

गौरतलब है कि शीर्ष अदालत द्वारा राम मंदिर के पक्ष में फैसला देने व मंदिर निर्माण के लिए न्यास के गठन के आदेश पर 5 फरवरी को केंद्र सरकार ने ट्रस्ट का एलान किया था। इधर मुस्लिम पक्ष का कहना है कि जहां राम मंदिर का निर्माण किया जाना है उस भूमि के नीचे कब्रिस्तान और मस्जिदें थीं। पांच से छह एकड़ भूमि पर कब्रिस्तान एवं मस्जिदें हैं। इसलिए इस जमीन का इस्तेमाल मंदिर निर्माण के लिए नहीं होना चाहिए।

ये होगा पहली बैठक में –
– बैठक में राममंदिर के निर्माण की समयसीमा तय की जा सकती है।
– निर्माण के लिए फंड कैसे जुटाया जाएगा, इसे लेकर भी चर्चा होगी।
– आम लोगों से निर्माण के लिए फंड कैसे जुटाया जाए, इसे लेकर सदस्य विमर्श करेंगे
– निर्माण कार्य के दौरान रामलला के लिए सही स्थान के चयन पर भी बातचीत होनी है।
– ट्रस्ट के विभिन्न पदों के लिए चुनाव भी इसी बैठक में होना है।

बता दें कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं, जिनमें 9 स्थायी और 6 नॉमिनेटेड सदस्य हैं। केंद्र सरकार ने अभी 12 सदस्यों के नामों की घोषणा की है।

ये हैं मंदिर ट्रस्ट के सदस्य –
– के परासरन : सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील के. परासरन ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे। उन्होंने रामलला विराजमान की ओर से अयोध्या मामले में लंबे समय तक पैरवी की।

– डॉ. अनिल कुमार मिश्र : पेशे से होम्योपैथी डॉक्टर अनिल राम मंदिर आंदोलन के दौरान विनय कटियार के साथ जुड़े थे।

-विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र : अयोध्या राज परिवार के वंशज व समाजसेवी।

-कामेश्वर चौपाल : 1989 के राम मंदिर आंदोलन के समय हुए शिलान्यास में अनुसूचित जाति के कामेश्वर ने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी।

-महंत दिनेंद्र दास : राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में पक्षकार और निर्मोही अखाड़ा की अयोध्या बैठक के प्रमुख।

-जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती जी महाराज : इनके शंकराचार्य बनाए जाने पर विवाद भी हुआ।

-जगतगुरु माधवाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज : कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर।

-युगपुरुष परमानंद जी महाराज : अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख। 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को भी संबोधित किया था।

-स्वामी गोविंद देव गिरि जी महाराज: आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।

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