Lockdown 4.0 : और सख्त हुए नियम, उल्लंघन करने पर हो सकती है ‘यह’ सजा

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देश में चौथा लॉकडाउन लागू हो गया है। गृह मंत्रालय ने लॉकडाउन 4.0 के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने लॉकडाउन 4.0 के लिए रविवार को दिशा-निर्देश जारी करते हुए अंतरराज्यीय बस सेवाओं को सशर्त अनुमति दे दी है। चौथे चरण में राज्यों को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं। राज्य ग्रीन, ऑरेंज, रेड जोन के साथ बफर और कंटेनमेंट जोन तय कर सकेंगे। कंटेनमेंट जोन छोड़कर अन्य क्षेत्रों में राज्य बिना रोक वाली गतिविधियों और दुकानें खोलने की मंजूरी दे सकेंगे। गृह मंत्रालय के अनुसार रेल और मेट्रो सेवाएं 31 मई तक बंद रहेंगी। मॉल और रेस्टोरेंट भी नहीं खोले जाएंगे। हालांकि खाने की होम डिलिवरी जारी रहेगी।
गृह मंत्रालय की ओर से एक बार फिर नई गाइडलाइन जारी की गई है। ऐसे में एक आम आदमी को आज से शुरू होने वाले लॉकडाउन के कारण क्या ध्यान रखना चाहिए। साथ ही गाइडलाइन में साफ बताया है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर आपको सजा भी हो सकती है।
यहां अतिरिक्त निर्देश –
– जहां तक संभव हो वर्क फ्रॉम होम की आदत को सुनिश्चित करें।
– थर्मल स्कैनिंग, हैंडवॉश और सैनिटाइजर की उपलब्धता को सभी प्रवेश और निकास द्वारों और कॉमन एरिया में सुनिश्चित करें।
– पूरे कार्यस्थल को सैनिटाइज करते रहें, सार्वजनिक सुविधाओं और सभी स्थल जो मानव संपर्क में आते हैं जैसे दरवाजे के हैंडल आदि को सैनिटाइज करें।
– कार्यस्थल पर प्रभारी व्यक्ति शारीरिक दूरी का पालन कराएं, श्रमिकों के मध्य पर्याप्त दूरी बने रहे, दो शिफ्ट के मध्य और लंच ब्रेक के दौरान स्टाफ के मध्य दूरी रहे।
देशव्यापी दिशा-निर्देश –
– सार्वजनिक और कार्यस्थलों पर चेहरे को मास्क से ढकना अनिवार्य।
– सार्वजनिक स्थानों और परिवहन के दौरान शारीरिक दूरी का पालन किया जाएगा।
– शराब, पान, गुटखा, तंबाकू के सार्वजनिक स्थानों पर उपभोग की अनुमति नहीं।
– अंतिम संस्कार में शारीरिक दूरी का पालन करना होगा और अधिकतम 20 लोग जा सकेंगे।
– दुकानों पर 6 फीट की दूरी रखनी होगी और 5 से अधिक लोग नहीं होने चाहिए।
– सार्वजनिक और कार्यस्थल पर थूकना जुर्माने के साथ दंडनीय, जो कानून के अनुरूप और राज्य/केंद्रशासित प्रदेश द्वारा निर्धारित किया जा सकता है।
– शादी संबंधी समारोह में शारीरिक दूरी का पालन सुनिश्चित करना होगा और अधिकतम 50 से अधिक मेहमान नहीं हो सकेंगे।
उल्लंघन करने पर हो सकती है ‘यह’ सजा –
यदि आप लॉकडाउन का जानबूझकर पालन नहीं करते हैं तो आपके खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 51 से 60 तक की धाराओं में बताया गया है कि यदि आप लॉकडाउन का उल्लंघन करते हैं तो क्या हो सकता है।
धारा 51 – बाधा पहुंचाने के लिए सजा इस अधिनियम के तहत केंद्र सरकार या राज्य सरकार अथवा संबंधित प्राधिकरण के निर्देशों का पालन नहीं करने वाले या केंद्र, राज्य या अन्य संबंधित प्राधिकरण के अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्याें में बाधा डालने की कोशिश करने वाले लोगों को एक साल की सजा या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
धारा 52- झूठे दावे के लिए यदि कोई व्यक्ति किसी भी तरह का लाभ प्राप्त करने के लिए झूठा दावा करता है तो उसे अधिकतम दो साल की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
धारा 53- धन या सामग्री का गबन यदि कोई व्यक्ति आपदा के लिए आए धन अथवा किसी सामग्री का गबन करता है तो अधिकतम दो साल की सजा और जुर्माना लगाया जा सकता है।
धारा 54- झूठी चेतावनी देना यदि कोई व्यक्ति आपदा से जुड़ी किसी असत्य चेतावनी को फैलाता है तो उसे एक साल की सजा और जुर्माना हो सकता है।
धारा 55- सरकारी विभाग द्वारा अपराध यदि किसी सरकारी विभाग द्वारा अपराध होता है तो उस विभाग के प्रमुख को दोषी माना जाएगा और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी यदि वो यह साबित नहीं कर देता कि यह अपराध उसकी जानकारी के बिना हुआ है और इसमें उसका कोई योगदान नहीं है।
धारा 56- ड्यूटी निभाने में विफल या अधिनियम के उल्लंघन पर मिलीभगत करने पर यदि किसी अधिकारी द्वारा अपनी ड्यूटी सही ढंग से नहीं निभा पाता या फिर खुद को इससे अलग कर लेता है तो उसे एक साल की सजा या फिर जुर्माना लगाया जा सकता है।
धारा 57- आवश्यकता संबंधी आदेशों का उल्लंघन करने पर यदि कोई व्यक्ति धारा-65 के तहत दिए गए आदेशों की अवहेलना करता है तो उसे अधिकतम एक साल की जेल अथवा जुर्माने की सजा हो सकती है।
धारा 58- कंपनी द्वारा अपराध यदि किसी कंपनी द्वारा अपराध होता है तो कंपनी, प्रत्येक सदस्य जिसने अपराध किया है और जिसके पास उस वक्त जिम्मेदारी थी, इसके लिए जिम्मेदार समझे जाएंगे। साथ ही उन पर मामला चलाया जाएगा।
धारा 59- अभियोजन के लिए पिछली मंजूरी इस अधिनियम की धारा 55 और 56 के तहत अपराधों के लिए अभियोजन प्राधिकृत अधिकारी की पूर्व मंजूरी के बिना नहीं लगाया जाएगा।
धारा 60- अपराधों का संज्ञान कोई भी कोर्ट इस अधिनियम के तहत की गई शिकायत के अलावा किसी अपराध का संज्ञान नहीं लेगी। हालांकि, यह कुछ बातों पर निर्भर करता है।