रजनीकांत की याचिका खारिज, मांगी थी प्रॉपर्टी टैक्स में रियायत

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – जाने-माने अभिनेता रजनीकांत की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस बार उनकी परेशानी कोडम्बाक्कम स्थित राघवेंद्र मैरिज हॉल को लेकर आई है। लॉकडाउन अवधि के दौरान इस मैरिज हॉल के लिए ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा 6.50 लाख रुपये की संपत्ति कर की मांग को अभिनेता ने चुनौती दी थी। मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को अनुमति देने से इनकार करते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी। न्यायमूर्ति अनीता सुमंत ने वकील को आज शाम तक याचिका वापस लेने के लिए उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री के साथ मेमो दायर करने का आदेश दिया। खबर के अनुसार अदालत ने याचिकाकर्ता के वकील को चेतावनी भी दी कि वह अदालत का समय बर्बाद न करें। अदालत ने याचिकाकर्ता को नगर निगम से संपर्क करने का सुझाव दिया।

दरअसल, 10 सितंबर को अभिनेता को संपत्ति कर के रूप में 6.50 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए एक चालान प्राप्त हुआ। अभिनेता ने यह भी कहा गया कि 1919 के चेन्नई सिटी म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट की धारा 105 में कर की छूट का प्रावधान है, यदि परिसर 30 दिनों से अधिक समय तक खाली रहा और उससे होने वाले लाभ पर जोर दिया। याचिकाकर्ता के वकील के अनुसार, विजयन सुब्रमण्यन ने कहा कि अभिनेता नियमित रूप से मैरिज हॉल के लिए संपत्ति कर का भुगतान करते रहे हैं और यह अंतिम बार 14 फरवरी, 2020 को भुगतान किया गया था।

सफाई में दलील : अभिनेता ने अपनी याचिका में यह भी कहा कि महामारी के दौरान राज्य सरकार के निर्देश के अनुसार मैरिज हॉल में किए गए सभी बुकिंग रद्द कर दी गई थीं। साथ ही एडवांस के रूप में आए धन को भी वापस कर दिया गया था। 24 मार्च से संपत्ति बंद है। इसलिए प्रॉपर्टी टैक्स में रियायत दी जाए, लेकिन अदालत ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया।

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