Maharashtra Lockdown: पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं हटाए गए, जिला प्रशासन स्थिति का आकलन कर प्रतिबंध को लेकर निर्णय लें: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
मुंबई: कोरोना की चुनौती खत्म नहीं हुई है। ‘ब्रेक द चेन’ में निर्धारित मानदंडों और निर्धारित पांच स्तरों पर विचार करने के बाद स्थानीय प्रशासन प्रतिबंधों के बारे में निर्णय लेगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को सख्त निर्देश दिए कि कहीं भी पाबंदियों में पूरी ढील नहीं दी जानी चाहिए और किसी भी लेवल में किसी भी परिस्थिति में सार्वजनिक कार्यक्रम और समारोहों में भीड़ नहीं होनी चाहिए, इसका कठोरता से पालन किया जाए।
ब्रेक द चेन में ऐसी धारणा थी कि मानदंड और स्तर निर्धारित करने वाले 4 जून के आदेश के बाद प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। इस पर मुख्यमंत्री ने विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी, मनपा आयुक्तों और पुलिस अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई और स्पष्ट किया कि पाबंदियों में कहीं भी पूरी ढील नहीं दी जानी चाहिए, अपने-अपने क्षेत्रों में स्थिति के अनुसार प्रतिबंध को सख्त करने का निर्णय लें। उन्होंने कहा कि मरीजों की संख्या कम करने में मिली सफलता के बावजूद तीसरी लहर का खतरा बना हुआ है। प्रतिबंध लगाए जाएं या नहीं, इसके लिए लेवल तय किए गए हैं।
कोरोना मरीजों की संख्या में उतार-चढ़ाव हो रहा है। लेवल तय करने के बाद भी संक्रमण कितना बढ़ेगा इसे लेकर मन में शंका हो तो प्रतिबंध लगाए, दवाब के बलि न चढे, ऐसा कहते हु मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्णय का सारा अधिकार स्थानीय जिला प्रशासन के पास है। संभावित तीसरी लहर को देखते हुए अधिक सावधान रहें, सतर्क रहें, न केवल रात बल्कि दिन भी प्रतिकूल है।
पूरे राज्य में कोरोना का संक्रमण एक जैसा नहीं है। इसलिए प्रतिबंधों के ये स्तर सिर्फ एक तरफ वायरस की श्रृंखला को तोड़ने के लिए स्थापित किए गए हैं और यह देखने के लिए कि दूसरी तरफ आर्थिक, सामाजिक दैनिक लेनदेन अनुशासित तरीके से कैसे शुरू होंगे। “हम, स्थानीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के रूप में, इन मानदंडों के आधार पर सही निर्णय लेना हैं,” ऐसा मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया।
भीड़, नियम तोड़ने से नहीं चलेगा काम!
– नए आदेश में वर्गीकृत किया गया है, फिर भी किसी भी परिस्थिति में कोविड को आमंत्रित करने वाले समारोह, भीड़ आयोजन नहीं होंगे।
-स्वास्थ्य नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह क्षेत्र के प्रशासन पर निर्भर करता है कि कितने दैनिक लेन-देन के व्यवहार खोले जाने चाहिए, कितने समय तक जारी रखने चाहिए और इसका समय क्या है।
कोरोना मुक्त गांवों के प्रतिशत का रखा जाएगा ध्यान
ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कोरोना मुक्त गांव बनाएं, इसलिए अपील की गई है। हमें इन नए स्तरों पर इन कोरोना मुक्त गांवों के प्रतिशत को भी ध्यान में रखना होगा।