महाराष्ट्र राजनीति : फडणवीस नेतृत्व में 100 से ज्यादा भाजपा विधायक, बालासाहेब क्यों नहीं पहुंचे कभी शतक तक? संजय राउत ने दिया जवाब
मुंबई : ऑनलाइन टीम – पिछले विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। मुख्यमंत्री बनने के कसाकसी में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर सत्ता स्थापित कर ली। हालांकि सबसे ज्यादा 105 सीटें जीतने के बावजूद भारतीय जनता पार्टी को विपक्ष में बैठना पड़ा। फडणवीस के नेतृत्व में भाजपा ने सौ का आंकड़ा पार कर लिया। लेकिन, शिवसेना अब तक 80 से आगे कभी नहीं जा पाई है। इसका कारण क्या है? इस सवाल का जवाब शिवसेना सांसद संजय राउत ने दिया है।
संजय राउत ने कहा कि दस या बीस अधिक सीट जितने से कोई बड़ा नहीं होता। सत्ता आती कभी जाती है। हम लंबे समय तक विपक्ष में रहे। लेकिन, पार्टी बच गई। किसी ने नहीं सोचा था कि शिवसेना मुंबई-ठाणे गेट पार करेगी। लेकिन, आज हम पूरे महाराष्ट्र में पहुंचे और 55 सालों से चल रहे है। दरअसल देवेंद्र फडणवीस ने 100 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की। लेकिन, बालासाहेब ठाकरे के साथ भी शिवसेना यह करिश्मा क्यों नहीं दिखा पाई? यह सवाल राउत से पूछा गया था।
इस पर राउत ने कहा कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को किसी ने चुनौती नहीं दी है। वहां कांग्रेस दूर-दूर तक नहीं नहीं है। तमिलनाडु में दो प्रमुख क्षेत्रीय दल हैं। वहां कांग्रेस के पास कोई मौका नहीं है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी-बहुजन समाज पार्टी है। लालू प्रसाद यादव लंबे समय तक बिहार में सत्ता में रहे। लेकिन, महाराष्ट्र में ऐसा नहीं है।
महाराष्ट्र में कांग्रेस का बड़ा जनाधार है। भले ही कांग्रेस पार्टी देश के अन्य राज्यों में हार रही थी, लेकिन महाराष्ट्र ने कांग्रेस का समर्थन किया। देश में और कहीं भी सहकारिता के माध्यम से राज्य में इतना काम नहीं हुआ है। कांग्रेस इतनी मजबूत होने के बावजूद राज्य में शिवसेना का विकास हुआ। 55 साल तक चला। यह शिवसेना की सफलता है।
राज्य में चार बड़ी पार्टियां हैं। सबका अलग स्पेस है। शरद पवार के पास ताकत है। एक वर्ग है जो कांग्रेस में विश्वास करता है। इसलिए पिछले चुनाव में जब कोई नेता नहीं था, तो उनके 40 से अधिक विधायक चुने गए थे। एक जमाने में पूरे देश में वामपंथ की सत्ता थी। देश चलाने के लिए छोड़ दिया। लेकिन, अब उसकी आवाज फीकी पड़ गई। हमारी आवाज कमजोर नहीं है। हमारी आवाज स्थिर है।