मराठा आरक्षण ; तो उपसमिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दूंगा, अशोक चव्हाण का बड़ा बयान

October 28, 2020

जालना, 28 अक्टूबर – मराठा समाज को आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार दवारा स्थापित उपसमिति के जरिये हमने ईंमानदार प्रयास किया है। ऐसा होने के बावजूद कुछ लोगों दवारा आरक्षण देने के लिए उचित कदम नहीं उठाये जाने का आरोप लगाया जा रहा है। इसमें सच्चाई नहीं है। लेकिन अगर मुख्यमंत्री ने कहा तो मैं तत्काल अपने पद से इस्तीफा दे दूंगा। यह जानकारी सार्वजानिक बांधकाम मंत्री अशोक चव्हाण ने दी है।

मराठा आरक्षण के मुद्दे पर 11 जजों की संविधान पीठ के सामने मामले की सुनवाई हो, यह राज्य सरकार की प्रमुख मांग है। इसके लिए प्रयास जारी है। सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण का पक्ष जोरदार तरीके से उठाने के लिए 10 विशेषज्ञ वकीलों की फौज नियुक्त की गई है । इस बीच सुप्रीम कोर्ट दवारा अंतरिम स्थगन दिए जाने के बाद याचिकाकर्ता विनोद पाटिल ने राज्य सरकार पर आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है।

डेढ़ महीने क्या किया ? – संभाजीराजे
अगर सरकार चाहती है कि मराठा आरक्षण की सुनवाई संविधान पीठ करे तो डेढ़ महीने पहले यह मांग क्यों नहीं की गई ? डेढ़ महीने का समय क्यों बर्बाद किया गया ? यह सवाल संभाजीराजे ने पूछा है। इसके बाद मराठा आरक्षण उपसमिति के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मिलेंगे नहीं ?

सरकार खुद को बचा रही है : चंद्रकांत पाटिल
वही भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंन्द्रकांत पाटिल ने कहा है कि मराठा आरक्षण को लेकर महाविकास आघाडी सरकार पहले दिन से खुद को बचा रही है। अब चार सप्ताह फिर से सब शांत हो जाएगा। अब जो सुनवाई होगी वह पांच जजों के समक्ष होगी। तब तक महाराष्ट्र के शैक्षणिक प्रवेश, विभिन्न परीक्षा, नौकरी भर्ती सब कुछ ठप होगा। हमने इतनी ताकत लगाई थी कि सुप्रीम कोर्ट में एक वर्ष तक केस चला ।