#MeToo…रमानी बरी, एमजे अकबर को करना पड़ा हार का सामना
नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम : मानहानि के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर को हार का सामना करना पड़ा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने पत्रकार प्रिया रमानी को बुधवार को बरी कर दिया । रमानी के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने आपराधिक मानहानि का केस किया था। रमानी ने एमजे अकबर पर 2018 में #MeToo कैम्पेन के तहत यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। उस समय एमजे अकबर केंद्रीय मंत्री थे और रमानी के आरोपों को गलत बताते हुए उनके खिलाफ मानहानि का केस किया था।
प्रिया रमानी ने ‘वोग’ मैगजीन के लिए 2017 में जर्नलिस्ट एक आर्टिकल लिखा था। इसमें उन्होंने करीब 20 साल पहले नौकरी के लिए इंटरव्यू के दौरान बॉस पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया। 2018 में जब देश में #MeToo कैम्पेन शुरू हुआ, तब रमानी ने इस मामले का खुलासा किया था और कहा था कि उत्पीड़न करने वाले व्यक्ति एमजे अकबर थे। रमानी के आरोप के बाद एमजे अकबर को 17 अक्टूबर 2018 को मंत्री पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद अकबर ने रमानी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अकबर अपना केस साबित नहीं कर पाए, जिसके कारण कोर्ट ने रमानी के पक्ष में फैसला देते हुए कहा कि एक महिला को यह अधिकार है कि वह किसी मामले में दशकों बाद भी किसी भी प्लेटफॉर्म पर शिकायत कर सकती है।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान अकबर ने रमानी के आरोप काल्पनिक करार दिया और कहा कि इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है। वहीं रमानी अपने दावों पर टिकी रहीं। इस मामले में एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार पांडे ने एक फरवरी अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।