विधायक लक्ष्मण जगताप और राकां प्रत्याशी पार्थ पवार की मुलाक़ात

पिंपरी चिंचवड के सियासी गलियारों में मचा हड़कंप

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पिंपरी। संवाददाता – युति और आघाडी के प्रत्याशी तय होने के बाद मावल लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अगर कोई सर्वाधिक चर्चा का विषय है तो वह है भाजपा शहराध्यक्ष व विधायक लक्ष्मण जगताप की भूमिका की। शिवसेना के मौजूदा सांसद व प्रत्याशी श्रीरंग बारणे के साथ उनका 36 का आंकड़ा है और दोनों समय- समय पर एक- दूसरे का विरोध कर चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि जगताप का राष्ट्रवादी कांग्रेस के प्रत्याशी और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार को छिपा समर्थन होगा। इस तरह की अटकलों के बीच पिंपरी चिंचवड के सियासी गलियारों में शनिवार को तब हड़कंप मच गया जब विधायक जगताप और पार्थ दोनों साथ-साथ नजर आए। यही नहीं पार्थ ने उन्हें ‘ध्यान रखने’ की गुजारिश की तो जगताप ने भी उन्हें भरोसा दिलाया।
असल में विधायक लक्ष्मण जगताप के गढ़ पिंपले गुरव में शिवजयंती के उपलक्ष्य में एक समारोह आयोजित किया गया था। उस समारोह में विधायक जगताप के साथ राष्ट्रवादी के प्रत्याशी पार्थ पवार भी मौजूद थे। पार्थ के साथ राष्ट्रवादी के शहराध्यक्ष संजोग वाघेरे और वरिष्ठ नेता नाना काटे भी थे। समारोह में पार्थ ने विधायक जगताप से मुलाकात की और चुनाव उनकी मदद करने और ध्यान रखने की गुजारिश की। यही नहीं जगताप ने भी उन्हें यथोचित मदद का भरोसा दिलाया। दोनों नेताओं की मुलाकात आज न केवल पिंपरी चिंचवड बल्कि पूरे मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र के सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी रही। क्योंकि भाजपा विधायक जगताप और शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे के बीच पुरानी सियासी दुश्मनी है। खुद जगताप भी मावल चुनाव क्षेत्र से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इच्छुक थे। हालांकि शिवसेना और भाजपा की युति होने से उनके मनसूबों पर पानी फिर गया।
मावल लोकसभा चुनाव क्षेत्र गत 10 सालों से शिवसेना के कब्जे में है। विधानसभा से स्थानीय निकायों तक जीत का परचम लहराने के बाद मावल में ताकत बढ़ने का दावा करते हुए भाजपा ने इस सीट पर दावा किया है। भाजपा-शिवसेना के बीच चली आ रही तकरार दोनों की युति पर सवाल उठाती रही। नतीजन भाजपा के शहराध्यक्ष लक्ष्मण जगताप ने मावल से लोकसभा चुनाव लड़ने की पूरी तैयारी कर ली। मगर ऐन मौके पर दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन हो गया और उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

उसके बाद में सीटों की अदलबदल से लेकर सांसद श्रीरंग बारणे की उम्मीदवारी के विरोध तक के उपाय भी बेअसर साबित हुए। जिस कदर की दुश्मनी विधायक जगताप और सांसद बारणे के बीच देखी जा रही है उससे लगता नहीं कि जगताप और उनकी ‘सेना’ बारणे के प्रचार में ‘दिल’से शामिल होगी। इसकी एक झलक दोनों पार्टियों के आला नेताओं की पहली ही समन्वय बैठक में दिखाई दी। इस बैठक से पहले पिंपरी स्थित भाजपा कार्यालय में गोवा के स्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि देने के कार्यक्रम में मौजूद रहे विधायक लक्ष्मण जगताप युति की पहली समन्वयक बैठक में नदारद रहे। यही नहीं उनका मोबाइल भी स्विच ऑफ पाया गया। जगताप की नाराजगी बारणे के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।

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