Mumbai High Court On Badlapur Case | बदलापुर मामले को लेकर हाईकोर्ट ने पुलिस पर फिर जताई नाराजगी; मीरा बोरवणकर का उल्लेख करते हुए राज्य सरकार को दिए निर्देश
मुंबई : Mumbai High Court On Badlapur Case | कोलकाता और बदलापुर की घटना के बाद देशभर में तीव्र नाराजगी देखने को मिल रही है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार ने 3 सितंबर को विधानसभा में ‘अपराजिता (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून सुधार) विधेयक’ मंजूर किया. दूसरी तरफ मुंबई उच्च न्यायालय ने बदलापुर बाल लैंगिक अत्याचार की घटना को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई है. (Mumbai High Court On Badlapur Case)
बदलापुर मामले में हाईकोर्ट ने दायर किए गए सुमोटो याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई. न्यायालय ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लेने, लापरवाह कामकाज करने वाली बदलापुर पुलिस के कामकाज पर जमकर खिंचाई की.
केस डायरी से बदलापुर पुलिस की लापरवाही हाईकोर्ट में खुलकर सामने आ गई. केवल इसी मामले में ही नहीं बल्कि पुलिस स्टेशन में आने वाले प्रत्येक जांच को गंभीरता से लेने की जरुरत बताते हुए हाईकोर्ट ने बदलापुर पुलिस को फटकार लगाई है.
इस मामले में फरार आरोपियें को ढूंढने में अब तक सफलता नहीं मिली है. इस पर खेद जताते हुए हाईकोर्ट ने जांच टीम के कामकाज पर नाराजगी जताई. इस मामले में केस दर्ज होने के बाद आदर्श विद्यालय के अध्यक्ष उदय कोतवाल, सचिव तुषार आपटे अब तक फरार है. इसलिए कोर्ट ने पुलिस से अब तक आरोपियों को गिरफ्तार नहीं करने पर सवाल किया.
‘बेटा पढाओ, बेटी बचाओ’, की स्थिती अब पैदा हो गई है. यह कहते हुए मुंबई उच्च न्यायालय ने बदलापुर घटना पर राज्य सरकार और पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़े किए. राज्य स्तरीय समिति स्थापित कर राज्य की स्कूलों में विद्यार्थियों की कुल सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश भी उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को दिया है.
साथ ही इस समिति में रिटायर्ड न्यायमूर्ति साधना जाधव अथवा डॉ. शालिनी फणसालकर-जोशी के साथ रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी डॉ. मीरा बोरवणकर के नाम पर विचार करने का निर्देश कोर्ट ने दिया है.
बदलापुर मामले में हाईकोर्ट में दायर सुमोटो याचिका पर न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे और न्यायमूर्ति पृथ्वीराज चव्हाण की खंडपीठ में सुनवाई हुई. इस मामले में अब अगली सुनवाई 1 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई है.