भारत में ही ‘इस’ जगह लोग 18 अगस्त को मनाते हैं स्वतंत्रता दिवस

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – क्या आप जानते हैं कि भारत में एक स्थान है, जहां 15 अगस्त नहीं, बल्कि 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस का उत्सव रहता है। यह स्थान है पश्चिम बंगाल का नादिया जिला। दरअसल, आजादी के समय हुई एक गलतफहमी के कारण यह परंपरा चली आ रही है।

दरअसल, 12 अगस्त 1947 को ऐलान किया गया था कि भारत आजाद होने जा रहा है। साथ ही रेडियो पर बताया गया कि भारत अपना स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को और पाकिस्तान 14 अगस्त को मनाएगा। रेडियो को जरिए देश में लोगों को बताया कि भारत और पाकिस्तान का बंटवारा कर दिया गया है और कौन-सा क्षेत्र किस देश का हिस्सा है। अंग्रेजों ने एक नक्शा भी जारी किया था, जिसमें बताया गया था कि कौन-सा क्षेत्र कहां है। मगर, यहां एक गलती हो गई। नादिया जिले के पांच ऐसे हिस्से पाकिस्तान में बताए गए जो हिंदू बहुल थे। जैसे ही लोगों को इसका पता चला, हिंसा भड़क गई। हिंदु और मुस्लिमों में खूब संघर्ष हुआ। रानी ज्योर्तिमय देवी, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, काबू लाहिरी समेत कई लोगों ने इसका विरोध किया। उन्होंने अंग्रेजों को बताया कि हिंदू बहुल इलाके हैं, जो पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हो सकते हैं। इसके बाद वायरसराय लॉर्ड माउंटबेटन ने सभी पक्षों को बुलाया और उनकी बाद सुनी।

पता चला कि नादिया जिले का गलत नक्शा जारी कर दिया गया था। आनन-फानन में नया मैप जारी किया गया, जिसे नादिया तक पहुंचने में दो दिन लग गए यानी नया नक्शा 17 अगस्त को नादिया पहुंचा। इसके अगले दिन यानी 18 अगस्त को लोगों ने पाकिस्तान के झंड़े उखाड़ फेंके और तिरंगा लहराते हुए आजादी का दिन मनाया। तभी से वहां 15 अगस्त के बजाए 18 अगस्त को आजादी का दिन मनाने की परंपरा चली आ रही है।

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