अभूतपूर्व फैसले की ओर…केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में ट्रांसजेंडर भी बन सकेंगे सैनिक, सरकार कर रही विचार

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – केंद्र सरकार ने पिछले साल दिसंबर में ट्रांसजेंडर पर्सन (अधिकार संरक्षण) कानून को अधिसूचित किया था। इस कानून के तहत जवान की भूमिका समेत सभी क्षेत्रों और सेवाओं में ट्रांसजेंडरों को समान मौके दिए जाने जरूरी हैं। इसी आलोक में सरकार केंद्रीय अर्द्धसैन्य बलों में अधिकारियों के तौर पर भर्ती के लिए ट्रांसजेंडर लोगों को यूपीएससी की वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति देने पर विचार कर रही है।

मांगी गई है टिप्पणी : मालूम हो कि सीएपीएफ के तहत आने वाले केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), बीएसएफ, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) और सशस्त्र सीमा बल (SSB) में सहायक कमांडेंट का पद एक प्रवेश स्तरीय अधिकारी की रैंक होती है। लिहाजा, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इस बाबत केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल से पक्ष या विपक्ष में टिप्पणियां मांगी है, ताकि केंद्रीय लोक सेवा आयोग को सूचित किया जा सके कि वह इस साल के सीएपीएफ के सहायक कमांडेंट परीक्षा के लिए जारी होने वाली अधिसूचना में ट्रांसजेंडर श्रेणी को शामिल करे या न करे।

कई बार हुई है चर्चा : इस मसले पर सीएपीएफ के वरिष्ठ कमांडर ने बताया कि बलों ने अधिकारी रैंक में ट्रांसजेंडरों के समक्ष आने वाली चुनौतियों और अवसरों पर चर्चा की है। हमने पाया है कि सीएपीएफ के लिए यह कदम वैसा ही है जब कुछ साल पहले कांस्टेबल और अन्य रैंक के अधिकारियों के तौर पर पहली बार महिलाओं की भर्ती हुई थी। महिलाओं ने जिस तरह कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है उसी तरह ट्रांसजेंडर भी करेंगे।

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