पिंपरी : पोलीसनामा ऑनलाईन – तोड़ू कार्रवाई के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूतपूर्व नगरसेवक और स्थायी समिति के पूर्व सभापति को पुलिस थाने में बुलवाकर उसे नजरकैद में रखे जाने का मामला पिंपरी चिंचवड़ में सामने आया है। गुरुवार की दोपहर डेढ़ से शाम साढ़े छह बजे तक सांगवी पुलिस की नजरकैद में रहे पूर्व नगरसेवक अतुल शितोले ने आरोप लगाया है कि उन्हें झूठ बोलकर और फंसाकर थाने में कैद रखा गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अतिक्रमण और अवैध निर्माणकार्यों के खिलाफ मुहिम तेज करते हुए पिंपरी चिंचवड़ मनपा का अमला आज दोपहर सांगवी पहुंचा था। यहां की मधुबन कालोनी इलाके में डीपी (डेवलपमेंट प्लान) रोड के तहत बाधित होने वाले घरों पर बुलडोजर फिराया गया। यहां के कई घर 1995 जब मनपा का डीपी मंजूर हुआ है उससे पहले के हैं। अतः लोगों ने कार्रवाई का विरोध किया। इसकी खबर पाकर स्थायी समाधान के भूतपूर्व सभापति अतुल शितोले वहां पहुंचे।
शितोले ने डीपी रिवीजन का काम पूरा होने तक कार्रवाई न करने की गुहार लगाई। इस पर मनपा के अधिकारियों ने उन्हें आयुक्त से बात करने की सलाह दी। हालांकि उन्होंने मनपा के सिटी इंजीनियर (शहर अभियंता) राजन पाटिल से बात करनी चाही। अधिकारियों ने उन्हें पाटिल के सांगवी पुलिस थाने में रहने की जानकारी दी। जब एक- डेढ़ बजे के करीब शितोले, पाटिल ने मिलने थाने में पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें डीबी (डिटेक्शन ब्रांच) के दफ्तर में बिठाकर नजरकैद कर लिया।
इस बारे में शितोले ने मीडिया को बताया कि उनकी भूमिका केवल डीपी रिवीजन होने तक कार्रवाई न करने को लेकर थी। 24 सालों में रोड की जमीन कब्जे में नहीं ली गई तो कुछ माह रुकने में क्या आपत्ति थी? डीपी रिवीजन में हो सकता है कुछ लोगों के घर बच जाए। मगर मनपा और पुलिस अधिकारियों ने उन्हें फंसाकर थाने में नजरकैद कर दिया। सांगवी थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक प्रभाकर शिंदे ने भी यह स्वीकार किया कि शितोले को ‘डिटेन’ किया गया था। उनके खिलाफ अन्य कोई कार्रवाई नहीं की गई।