जिससे करती थी शादी उसी का हो जाता था एनकाउंटर, जाने गीता अरोड़ा कैसे बनी सोनू पंजाबन – INSIDE STORY

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नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – दिल्ली समेत कई अन्य राज्यों में सेक्स रैकेट का धंधा चलाने वाली सोनू पंजाबन का नाम क्राइम की दुनिया में काफी जाना पहचाना है। सोनू पंजाबन को क्राइम ब्रांच की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है। उस पर सेक्स रैकेट समेट कई संगीन मामले दर्ज है। दरअसल सोनू पंजाबन का असली नाम गीता अरोड़ा है। लंबा कद, मॉडर्न लाइफ स्टाइल और फर्राटेदार अंग्रेजी के साथ देहव्यापार का धंधा चलाने वाली सोनू पंजाबन को दिल्ली की कोर्ट ने वेश्यावृत्ति कराने में दोषी करार दिया है। दोषी साबित होने के बाद लग रहा है कि सोनू पंजाबन डेढ़ दशक लंबा देहव्यापार का साम्राज्य खत्म हो जाएगा।

5 फीट, 4 इंच लंबी गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने अपनी खूबसूरती और चालाकी के दम पर देशभर में देह व्यापार का धंधा चलाया है। इस दौरान वह कई बार जेल भी गई, लेकिन दोषी पहली बार करार दी गई है। अपनी खूबसूरत अदाओं के बल पर पुलिस प्रशासन को भी चकमा देने वाली सोनू पंजाबन को कोई विष कन्या बुलाता है तो कोई हुश्न की शहजादी। वह एक जमाने में गीता खुद एक कॉल गर्ल थी। कहा जाता है कि कभी कॉलेज जाने वाली गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन ने हत्या में नाम जुड़ने के बाद रोहतक (हरियाणा) के नामी गैंगस्टर विजय से लव मैरिज की थी। विजय यूपी के खूंखार हिस्ट्रीशीटर श्री प्रकाश शुक्ला का करीबी था, जिसका 1998 में यूपी के गाजियाबाद में एनकाउंटर हो गया था। इसके बाद उत्तर प्रदेश विशेष जांच दल (UP STF) ने विजय को हापुड़ में मार गिराया।

इसके बाद सोनू पंजाबन ने नजफगढ़ के दीपक नाम के एक वाहन चोर के करीब गई, लेकिन 2003 में असम पुलिस ने दीपक को भी एनकाउंटर में मार दिया। बता दें कि 2003 तक गीता चोपड़ा के नाम से ही जानी जाती थी। दीपक के एनकाउंटर के बाद गीता सहारा ढूंढ़ने निकली तो सोनू ने दीपक के भाई हेमंत से शादी कर ली। दरअसल, हेमंत से शादी होने के बाद ही गीता को नया नाम सोनू पंजाबन मिला। सोनू के साथ यहां भी वहीं हुआ, वर्ष 2006 में गुड़गांव पुलिस ने हेमंत को भी एक मुठभेढ़ में मार गिराया।

फिर धीरे -धीरे सेक्स रैकेट के कारोबार से सोनू पंजाबन करोड़ों की संपत्ति की मालकिन बन गई। किसी वक्त ठोकरें खाने को मजबूर पंजाबन ने देखते ही देखते कई फ्लैट खरीद लिए। बाद में सोनू पंजाबन ने दिल्ली के सभी दलालों से हाथ मिलाना शुरु कर दिया। जिसने सोनू का साथ देने से मना किया वो दुबारा कभी सुबह का सूरज नहीं देख पाया देखते ही देखते सोनू का सेक्स रेकेट कारपोरेट में बदल गया। उसने लड़कियों को फिक्स सैलेरी पर रखा। वो ग्राहक के पैसे में से लड़कियों को पैसे नहीं देती थी। धीरे-धीरे सोनू दलालों की मालकिन बन गई। अलग-अलग इलाकों में फैले हुए दलाल उसके संरक्षण में काम करते हैं। सोनू इन दलालों का इलाका भी तय करती है और मोटे पैसे भी वसूलती है।

पिता चलाते थे ऑटो रिक्शा –
दिल्ली की गीता कॉलोनी में जन्मी गीता अरोड़ा उर्फ सोनू पंजाबन के पिता ओम प्रकाश अरोड़ा पाकिस्तान के शरणार्थी थी और बंटवारे के बाद हरियाणा के रोहतक में आकर बसे थे। कुछ समय बाद ओम प्रकाश अरोड़ा दिल्ली आए और ऑटोरिक्शा चलाकर अपना गुजारा करने लगे।

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