मोदी की हर ‘अदा’ सर्जिकल स्ट्राइक…देश को कई मौकों पर किया स्तब्ध, दुनिया भी रह गई चकित

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नई दिल्ली,  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कब क्या फैसला ले लें, यह कोई नहीं जानता। देश ने समय-समय पर इसे नजदीक से देखा है। चाहे वह शुक्रवार को अचानक लेह की यात्रा हो या फिर इसके पहले पाकिस्तान पर की गई सर्जिकल स्ट्राइक। सबसे साल 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने तो सभी को पड़ोसी पाकिस्तान के साथ शीतयुद्ध की आशंका थी। हालांकि, शपथ ग्रहण समारोह में सभी सार्क देशों के शासनाध्यक्षों को न्योता देकर पीएम ने चौंका दिया। तब किसी को उम्मीद नहीं थी कि पीएम अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को भी न्योता देंगे। यही नहीं, अगले ही साल 2015 के 15 दिसंबर को अफगानिस्तान से स्वदेश वापसी के क्रम में पीएम मोदी ने अचानक पाकिस्तान में नवाज शरीफ से मुलाकात कर सबको चौंका दिया।

सर्जिकल स्ट्राइक : उड़ी में आतंकवादियों के हमले में सेना के कई जवानों के शहीद होने के बाद देश में राजनीति चरम पर थी। इसी बीच अचानक सेना ने 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। उस समय तक किसी को अंदाजा नहीं था कि पीएम पाकिस्तान के खिलाफ इस स्तर का फैसला ले सकते हैं।

एयर स्ट्राइक: 14 फरवरी 2019 को पुलवामा में सीआरपीएफ के खिलाफ आतंकी हमले पर पूरा देश गुस्से में था। लोकसभा चुनाव करीब होने के कारण सरकार पर विपक्ष का सियासी हमला बढ़ गया था। इसके बाद जो हुआ उससे पूरा देश हतप्रभ रह गया। वायुसेना के जवानों ने पुलवामा हमले का जवाब 26 फरवरी 2019 को बालाकोट पर एयर स्ट्राइक से दिया। वायुसेना ने लड़ाकू विमान मिराज 2000 की सहायता से बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया।

सामान्य आरक्षण: जनवरी 2019 में मोदी सरकार ने जो किया उसकी उम्मीद किसी को नहीं रही होगी। एससी-एसटी एक्ट के प्रावधानों पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा किए गए बदलाव पर सरकार की ओर से लगाई गई रोक से सवर्ण वर्ग नाराज था। मोदी सरकार ने सामान्य वर्ग को दस फीसदी का आरक्षण संसद से पारित करा कर सभी को हतप्रभ कर दिया।

अनुच्छेद 370: जम्मू-कश्मीर में अतिरिक्त सेना और अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे थे। हालांकि, किसी को अंदाजा नहीं था कि वहां क्या होने वाला है। इसी बीच अचानक 16 अगस्त 2019 को मोदी सरकार संसद में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का प्रस्ताव लाई और आसानी से पारित भी करा लिया।

बीते चार साल से सेना के साथ दिवाली: बीते चार साल से मोदी अचानक बिना किसी पूर्व कार्यक्रम के सेना के साथ अपनी दीवाली मनाते आ रहे हैं। यह सिलसिला साल 2016 से शुरू हुआ और अब तक जारी है। पीएम ने वर्ष 2016 में लाहौल स्पीति में, साल 2017 में जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में, साल 2018 में उत्तराखंड के हरसिल में तो बीते साल जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सेना के साथ अपनी दिवाली मनाई। हर बार इस कार्यक्रम की किसी को भनक नहीं लगी।

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