निर्भया केस : चारों दोषियों को दे दी फांसी सात साल बाद मिली निर्भया की आत्मा को शांति!, चारों दरिंदों को दे दी गयी ‘फांसी’

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नई दिल्ली : पोलिसनामा ऑनलाइन – आखिकार 7 साल बाद निर्भया के चारों गुन्हेगारों को आज दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल में सुबह 5:30 बजे फांसी दे दी गयी। जिसके बाद निर्भया को इंसाफ मिल गया। फांसी के दौरान दोषी विनय काफी रो रहा था। कौन भूल सकता है वो 16 दिसंबर 2012 की तारीख जब दोषी  मुकेश, विनय, अक्षय, पवन, राम सिंह और एक नाबालिग ने निर्भया के साथ बर्बरता से गैंगरेप किया था। इस वारदात ने पुरे देश को शर्मसार कर दिया था। सड़क से लेकर संसद तक इसकी आवाज उठी और आज आखिकार निर्भया को इंसाफ मिल ही गया।

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इस फांसी के बाद लोग इससे बुराई पर सत्य की जीत कह रहे है। ज्ञात हो की दोषियों के वकील एपी सिंह द्वारा तमाम हड़कंडे अपनाने के बावजूद दोषियों को नहीं बचा पाए और आखिरकार उन्हें फांसी के तख्ते पर लटकाया ही गया। आज निर्भया की आत्मा को शांति मिल गयी।

जानें क्या थी निर्भया केस की पूरी कहानी –  
निर्भया (बदला हुआ नाम) पैरामेडिकल की छात्रा थी। घटना के दिन निर्भया अपने एक दोस्त के साथ साकेत स्थित सेलेक्ट सिटी मॉल में ‘लाइफ ऑफ पाई’ मूवी देखने गई थी। जिसके बाद घर के लिए उन्होंने ऑटो लिया। शायद दोनों को इस बात अंजादा नहीं था कि बुरा लम्हा उनका इंतजार कर रहा है। वह रात काफी ठंड थी। जब निर्भया और उनके दोस्त ऑटो में सवार थे। उस समय रात के करीब 8 बज रहे थे। डायरेक्ट ऑटो नहीं मिलने पर दोनों मुनिरका तक गए। क्योंकि रात काफी हो चुकी थी। ऐसे में दोनों ने फैसला किया कि मुनिरका से घर के लिए बस ही पकड़ लेते है।

दोनों बस स्टैंड पर उतरे थे तो एक सफेद रंग की बस पहले से वहां खड़ी थी। जिसमें एक लड़का बार-बार कह रहा था दीदी चलो, कहां जाना है, हम छोड़ देंगे। जिसके बाद  दोनों बस में बैठ गए। बस में निर्भय और उसके दोस्त के अलावा 6 लोग और थे, जिन्होंने निर्भया के साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। विरोध करने पर आरोपियों ने निर्भया के दोस्त को इतना पीटा कि वह बेहोश हो गया। रात के इस घने अंधेरे और सड़क पर दौड़ती इस तेज रफ्तार बस में निर्भया अकेली थी।उसने कई देर तक उन वहशी दरिंदों का सामना किया लेकिन उसकी हिम्मत जवाब दे चुकी थी। उन सबने निर्भया के साथ सामूहिक बलात्कार किया। यही नहीं उनमें से एक ने जंग लगी लोहे की रॉड निर्भया के प्राइवेट पार्ट में डाल दी।

इस हैवानियत की वजह से निर्भया की आंतें शरीर से बाहर निकल आईं। बाद में उन शैतानों ने निर्भया और उसके दोस्त को दक्षिण दिल्ली के महिपालपुर के नजदीक वसंत विहार इलाके में चलती बस से फेंक दिया था। आधी रात के बाद वसंत विहार इलाके में कुछ लोगों ने पुलिस को सूचना दी जिसके बाद पुलिस ने लड़की को नाजुक हालत में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया।

निर्भया ने सिंगापुर में ली आखिरी सांस –
निर्भया की हालत बेहद नाजुक थी। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। सड़कों और सोशल मीडिया से उठी आवाज संसद के रास्ते सड़कों पर पहले से कहीं अधिक बुलंद होती नजर आ रही थी। दिल्ली के साथ-साथ देश में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे थे। निर्भया की हालत संभल नहीं रही थी। लिहाजा उसे सिंगापुर के माउन्ट एलिजाबेथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। और फिर  29 दिसंबर को निर्भया ने रात के करीब सवा दो बजे वहां दम तोड़ दिया।

एक आरोपी को किया गिरफ्तार –
घटना के दो दिन बाद दिल्ली पुलिस ने दावा किया कि आरोपी बस ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया जिसका नाम राम सिंह बताया गया। बाद में पुलिस ने जानकारी दी कि इस मामले में 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही थी। पूरे देश में घटना के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे थे। लोग सड़कों पर उतर आए थे और पूरे देश की निगाहें केवल दिल्ली पुलिस की जांच और कार्रवाई पर लगी हुई थी। इसी बीच 11 मार्च, 2013 को आरोपी बस चालक राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। हालांकि राम सिंह के परिवार वालों और उसके वकील का मानना है कि जेल में उसकी हत्या की गई थी।

20 दिसंबर को चार आरोपियों की किया गया था गिरफ्तार –
18 दिसंबर 2012 को  घटना के दो दिन बाद दिल्ली पुलिस ने छह में से चार आरोपियों राम सिंह, मुकेश, विनय शर्मा और पवन गुप्ता को गिरफ्तार किया। वहीं 21 दिसंबर 2012 को दिल्ली पुलिस ने पांचवां आरोपी जो नबालिग था उसे दिल्ली से और छठे आरोपी अक्षय ठाकुर को बिहार से गिरफ्तार किया था। जिसके बाद आज 7 साल बाद चार दोषियों को फांसी दे दी गयी।

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