निठारी कांड…अदालत के फैसले पर सुरेंद्र कोली के मुंह से निकला- मेरे नसीब में फांसी ही है

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January 16, 2021

गाजियाबाद. ऑनलाइन टीम : निठारी कांड का जिक्र होते ही एक ऐसा दृश्य आंखों के सामने होता है, जो दिलो-दिमाग को झकझोर कर रख देता है। इंसान का वीभत्स और पैशाचिक चेहरा सुरेंद्र कोली और पंढेर के रूप में सामने आता है। मासूम और नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर उनके साथ हवस का खेल खेलना और उसके बाद न सिर्फ उनकी हत्या करना बल्कि उनके अंग-प्रत्यंगों का खाने की घिनौनी हिम्मत जुटाना, यह उस कांड में सामने आया था। इस कांड में कुल 17 मामले दर्ज हैं। विशेष अदालत ने 12 मामलों में सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई है।

बात 2006 की है। कई महीनों से नोएडा में बच्चे और महिलाएं गायब हो रही थीं। 29 दिसंबर, 2006 को पुलिस ने नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर नाम के शख्स के घर पर छापा मारा। छापे में मोनिंदर के घर के पिछवाड़े से करीब 19 लाशों के कंकाल मिले। इतनी बड़ी संख्या में एक घर से नरकंकाल मिलने से हर कोई हैरान था। एक-दो को छोड़ मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली के ज्यादातर शिकार नाबालिग थे। पायल और पिंकी सरकार जैसी कुछ बालिग लड़कियां भी उसका शिकार हुईं। निठारी कांड का पहला अंदेशा पंढेर के पड़ोसियों को ही हुआ था। दो लोग जिनकी बेटियां गुम गईं थीं, उन्हें पंढेर के नौकर सुरेंद्र कोली के वारदात में शामिल होने पर शक हुआ।

उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस के पास भी की, लेकिन पुलिस से उन्हें खास सहयोग नहीं मिला। बाद में उन्होंने रेसीडेंट्स वेलफेयर के सदस्यों की मदद से पंढेर के घर की टंकी की तलाशी ली। एक रहवासी के दावे के मुताबिक उन्हें इसमें एक सड़ा हुआ हाथ मिला। पुलिस के सामने कोली ने मर्डर की वारदात कबूल की। इसके बाद पंढेर के घर की खुदाई की गई। करीब 15 खोपड़ियां और कई हड्डियां मिलीं, बाद में डीएनए मैचिंग से पता चला वहां करीब 19 लोगों को गाड़ा गया था।

शनिवार को इस कांड में 12वें मामले की सुनवाई थी। सीबीआई ने बच्चियों के लापता होने और हत्या कर शव छुपाने के मामले में सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। आरोप था कि इन लोगों ने मासूम और नाबालिग बच्चियों का अपहरण कर दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी थी और फिर शवों को क्षत-विक्षत कर नाले में फेंक दिया था। अदालत भी इस नतीजे पर पहुंचा कि कोली ने पंढेर के साथ मिलकर जो कुछ भी किया, वह एक सामान्य व्यक्ति की मानसिकता नहीं हो सकती। अदालत ने सुरेंद्र कोली पर एक लाख 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जेल ले जाते समय सुरेंद्र कोली ने सुरक्षा कर्मियों से कहा कि मेरे नसीब में फांसी ही है।
विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में सुबह 11 बजे डासना जेल से सुरेद्र कोली को पेश किया गया। सजा पर बहस के बाद विशेष अदालत ने युवती को अगवा कर दरिंदगी और हत्या के मामले में दोषसिद्ध सुरेंद्र कोली को फांसी की सजा सुनाई। सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक जे.पी. शर्मा ने बताया कि अदालत ने सजा के बिंदु पर कोली के किए कुकृत्य को गंभीरतम श्रेणी का अपराध मानते हुए उसे फांसी की सजा सुनाई है।
बता दें कि इस निठारी कांड में 5 मामले अब भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। इन मामलों में भी अभी फैसला आना बाकी है। तीन मामले ऐसे भी हैं, जिन में आज तक कोई पर्दा नहीं उठ सका। कई महीनों की जांच के बाद जब इन तीन मामलों में कोई सबूत नहीं मिला तो सीबीआई ने इनमें अपनी क्लोजर रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दी थी।