मजदूरों के रेल किराए पर कोहराम मचाने वालों को नीतिश ने लिया आड़े हाथ, कहीं ऐसी बात कि विरोधी चारों खाने चित्त

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नई दिल्ली. पोलिसनामा ऑनलाइन – लॉकडाउन में फंस कर रोजी गंवा चुके मजदूरों को घर लौटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। हालांकि, ऐसी खबरें आई कि इन ट्रेनों में सफर करने के लिए मजदूरों को ही किराया भरना पड़ रहा है, जिसका सियासी गलियारों में काफी विरोध भी हो रहा है। इसी बीच बिहार और मध्य प्रदेश की सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि मजदूरों की घर वापसी का पूरा खर्च प्रदेश सरकार उठाएगी। बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने खुद इस बात का ऐलान किया है।

100 रुपए से कम नहीं होगी रकम : नीतीश कुमार ने कहा कि बाहर से आने वाले किसी भी व्यक्ति से कोई पैसा नहीं लिया जा रहा है। ट्रेन का किराया राज्य सरकार दे रही है और किसी भी हाल में यह रकम 1000 रुपए से कम नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने रेल किराया मजदूरों से वसूलने की बात कहने वाले विपक्ष को भी आड़े हाथ लिया है। उन्होंने कहा कि यह गलत प्रचारित किया जा रहा था कि राज्य सरकार या केंद्र सरकार ट्रेन से आने वाले लोगों से पैसे वसूल रही है। यही वजह है कि वो खुद सामने आकर बिहारवासियों को बता रहे हैं कि किसी भी व्यक्ति से कोई पैसा नहीं लिया जा रहा।

21 दिन क्वारंटीन करेंगे : नीतीश कुमार ने कहा कि जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं उन्हें जिला प्रखंड और पंचायत स्तर पर बने क्वारंटीन सेंटर पर 21 दिन रखा जाएगा। इन क्वारंटीन सेंटर पर बाहर से आने वाले लोगों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था के साथ रहने और चिकित्सा की भी बेहतर व्यवस्था की गई है। बाहर से आए लोग जब क्वारंटीन सेंटर से वापस घर जाएंगे तो उन्हें आने जाने के खर्च के साथ अलग से पांच सौ रुपये भी दिए जाएंगे।

शिवराज भी तैयार : मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने भी फैसला किया है कि दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों की घर वापसी का खर्च राज्य सरकार उठाएगी।

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