राज्य सरकार गिराने के लिए बाहर से किसी को कुछ नहीं करना पड़ेगा

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के सूचक संकेत

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पिंपरी। पोलिसनामा ऑनलाइन –  शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस, कांग्रेस की महाविकास आघाडी सरकार के मंत्रियों में विभाग का बंटवारा हो गया है अब मंत्रियों को चाहिए कि वे जनता के हित में अच्छा काम करें। यह उम्मीद जताते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने रविवार को पिंपरी चिंचवड में संवाददाताओं के साथ की गई बातचीत में स्पष्ट किया कि राज्य सरकार को गिराने के लिए भाजपा की ओर से कोई कोशिश नहीं की जाएगी। हालांकि उन्होंने यह सूचक संकेत भी दिए कि इस सरकार को गिराने के लिए बाहर से किसी को कुछ भी करने की कोई जरूरत नहीं है। बता दें कि पिंपरी चिंचवड में आयोजित श्रमिक सम्मेलन में हिस्सा लेने पधारे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पदाधिकारियों की बैठक से पहले संवाददाताओं के साथ बातचीत की।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी सरकार गिराने के लिए कोई प्रयास नहीं करेगी। अब भाजपा प्रबल विरोधी पार्टी के तौर पर काम करेगी, हालांकि हम केवल विरोध के लिए विरोध करने वाले लोग नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार से कुरदत का संतुलन बिगड़ा हुआ ठीक वैसे ही राजनीति का संतुलन भी इन दिनों बिगड़ा हुआ है। कुछ राज्यों में उल्टी- पलटी सियासत शुरू है। हालांकि महाराष्ट्र इससे अछूता रहा है मगर अब न जाने क्या हो गया है, समझ नहीं आ रहा। जिस तरह से बेमौसम बरसात, ओलावृष्टि, सूखा जैसे हालात अनाकलनीय है वैसे ही महाराष्ट्र की सियासत भी लोगों के लिए अनाकलनीय है। अब जब चुनाव होंगे तब लोगों को पता है कि उन्हें किसे वोट देना है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वे निराश होने की बजाय ज्यादा सतर्क हो जाएं।
पाटिल ने यह भी कहा कि अब भोलेपन में वोट देने से काम नहीं चलेगा। कुदरत की तरह राज्य में राजनीति का संतुलन बिगड़ने से अब लोग और ज्यादा विचारपूर्वक वोटिंग करेंगे। जातपात, पैसों की राजनीति खत्म होगी, यह आशा भी उन्होंने जताई। प्रजासत्ताक दिन पर राजधानी दिल्ली में महाराष्ट्र का चित्ररथ नजर नहीं आएगा। इस पर राज्य में काफी सियासत छिड़ी हुई है, आरोप- प्रत्यारोप के दौर शुरू हैं। इस पूछने पर पाटिल ने इस ओर ध्यानाकर्षित किया कि इससे पहले भी कई बार महाराष्ट्र का चित्ररथ नहीं था। क्योंकि यह ‘रोटेशन’ पद्धती से तय किया जाता है। हर साल 30 से 40 राज्यों के चित्ररथ इसमें शामिल होते हैं। इस बार रोटेशन से महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल बाहर निकले। सभी राज्यों के चित्ररथ शामिल होने से बोरियत निर्माण हो सकती है, यह तर्क भी उन्होंने दिया।
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