देशभर में NRC का कोई ‘प्लान’ नहीं , गृह मंत्रालय ने पहली बार लोकसभा में की घोषणा
नई दिल्ली : पोलिसनामा ऑनलाइन – देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता सुधार अधिनियम (CAA) और NRC के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इस बीच, गृह मंत्रालय ने आज यह स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल NRC लाने की कोई योजना नहीं है।
यह पहली बार है जब लोकसभा में आधिकारिक तौर पर इस तरह की घोषणा की गई है। यह जानकारी गृह मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी। उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार ने देश में एनआरसी पर कोई निर्णय नहीं लिया है।
NRC क्या है?
NRC का अर्थ है राष्ट्रीय नागरिकता पंजीकरण। इसमें भारत में रह रहे सभी वैध नागरिकों का रिकॉर्ड रखा जाता है. बता दें कि एनआरसी की शुरुआत 2013 में सुप्रीम कोर्ट की देख-रेख में असम में हुई थी। फिलहाल यह असम के अलावा किसी अन्य राज्य में लागू नहीं है।
MoS Home Nityanand Rai in a written reply to a question in Lok Sabha: Till now, the government has not taken any decision to prepare National Register of Indian Citizens (NRIC) at the national level. pic.twitter.com/e3OarkJv9x
— ANI (@ANI) February 4, 2020
एनआरसी में असम के 19 लाख लोगों का नाम नहीं है
असम में लगभग 19 लाख लोगों को NRC की अंतिम सूची से बाहर रखा गया है। असम में NRC में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन किया था। लेकिन अंतिम सूची में से 19,06,658 लोगों को हटा दिया गया और 3,11,21,004 लोगों को भारतीय नागरिक बताया गया।
NRC में शामिल होना क्यों जरूरी?
NRC के अनुसार, भारत की नागरिकता साबित करने के लिए, किसी को भी यह साबित करना होगा कि उनके पूर्वज 24 मार्च, 1971 से पहले भारत आए थे। इसे साबित करने वाले को भारत का कानूनी नागरिक माना जाएगा.