कश्मीर में अलग ‘देश-प्रेम’ पढ़ा रहे गुपकार ग्रुप के नेता, बढ़ी हलचल

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर हलचल तेज है। पिछली हलचल धारा 370 को हटाने के दौरान हुई थी, अब हलचल उसी धारा 370 को बहाल करने को लेकर है। जेल से बाहर आते ही बाप-बेटे अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती की तिकड़ी के साथ अन्य सियासी धड़े एकीकृत होने लगे हैं। लगभग सात राजनीतिक दलों के गुट पीपल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन ने जनता तक अपनी बात पहुंचाने की कवायद शुरू कर दी है। इसे ही संक्षिप्त नाम गुपकार दिया गया है। इस गुपकार ग्रुप के नेता जनता को फिर धारा 370 की बहाली के लिए ‘अपना देश-प्रेम’ पढ़ा रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के आवास पर शनिवार दोपहर गुपकार अलायंस की बैठक हुई। इसमें जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला को गुट का चेयरमैन बनाया गया। गुपकार अलायंस की एक बैठक 15 अक्टूबर को फारूक के घर पर हुई थी, जिसमें महबूबा मुफ्ती ने पहली बार भाग लिया गया था। उस दिन फारूक की तरफ से कहा गया था कि कुछ दिनों में बैठक करके आगे की रणनीति बनाई जाएगी।

सुप्रीम कोर्ट में हैं 23 अर्जियां : पिछले साल जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पास करके जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त कर दिया गया था साथ ही उसे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख नाम के दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था। पिछले एक साल में बीजेपी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 23 अर्जियां दाखिल की जा चुकी हैं।

दरअसल, जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद अपनी राजनीतिक जमीन खो चुके कश्मीर केंद्रित दल पूरी तरह बौखला गए हैं। फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती, मजुफ्फर हुसैन बेग, अब्दुल रहमान वीरी, सज्जाद गनी लोन, इमरान रजा अंसारी, अब्दुल गनी वकील जैसे नेताओं ने जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35ए दोबारा से बहाल करने, जम्मू- कश्मीर व लद्दाख का बंटवारा रद्द करने और प्रदेश को पुन राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने की चेतावनी दी है। इनकी मांग का कड़ा विरोध करते हुए बीजेपी के जम्मू कश्मीर प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना ने कहा कि ये लोग आजादी का सपना दिखाकर अब तक राज्य के लोगों को ठगते आए थे। आर्टिकल 370 खत्म होने से अब इनकी ये ठगी बंद हो गई है। इसलिए ये अब फिर से अलगाववाद के एजेंडे की वापसी चाहते हैं।

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