वापसी की बारिश के बाद अब रुला रहा है प्याज

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पुणे। पुलिसनामा ऑनलाइन – पुणे समेत समस्त पश्चिम महाराष्ट्र एवं राज्य के विभिन्‍न हिस्‍सों में अत्‍याधिक बारिश होने के कारण फसलों को काफी ज्‍यादा नुकसान हुआ है। खासकर प्याज की फसल ने तो किसानों की चिंता बढ़ा दी है। इसकी वजह से पुणे और पिंपरी चिंचवड़ में प्‍याज की कीमतों में काफी वृद्धि हुई है। बारिश के कारण खेतों से आपूर्ति प्रभावित होने के कारण मूल्य में वृद्धि हुई है। पिछले सप्ताह प्याज की कीमत लगभग 70 रुपये प्रति किलो थी जो आज बढ़कर 120 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है।

गत माह सितम्बर में लगातार हुई तेज बारिश के कारण नासिक, अहमदनगर, पुणे, धुले समेत कई जिलों में प्याज की खेती करने वाले किसानों की नर्सरी बर्बाद कर दी। जिन किसानों ने नर्सरी की रोपाई कर दी थी, उसमें भी पानी भर गया। प्याज जैसी फसलों के लिए जलभराव काफी नुकसानदेय होता है। किसानों द्वारा प्‍याज की पैदावार के लिए लगायी जाने वाली नर्सरी नष्‍ट हो चुकी है। एक नर्सरी को लगाने में लगभग 30 हजार का खर्चा आ रहा है। इसकी वजह से किसानों पर भारी संकट आ गया है। यदि कोई किसान एक एकड़ में प्याज की पैदावार करता है तो नर्सरी में 10 किलो बीज लगते हैं, इस समय बीज के दाम तीन हजार रुपए किलो है। तो इस तरह 30 हजार का तो बीज ही लग गया, इसके अलावा कीटनाशक दवाई और मजदूरी अलग से।

भारी बारिश से किसानों के पैसे तो बर्बाद हुए ही साथ ही मार्केट में प्याज भी देरी से आएगी। नतीजन प्याज के दाम बढ़ गए हैं और इससे लोगों का बजट गड़बड़ा गया है। अब तक 70 रुपए किलो में मिलनेवाला प्याज 100 से 120 रुपए किलो भाव से मिल रहा है। गौरतलब है कि पुणे स्थित प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय के अनुसार देश में सबसे अधिक प्याज की पैदावार महाराष्ट्र में होती है। उसके बाद कर्नाटक, गुजरात, बिहार, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य आते हैं। महाराष्ट्र के नासिक, अहमदनगर, पुणे, धुले, शोलापुर जिले में किसान मुख्‍य रूप से प्याज की पैदावार करते हैं। महाराष्ट्र में एक साल में चार बार प्याज की खेती की जाती है। प्याज ही नहीं महाराष्ट्र के उस्मानाबाद, नांदेड़, वर्धा जैसे कई जिलों में इस समय खरीफ की सोयाबीन, बाजरा, उड़द, कपास, ज्वार और मूंग की फसलें भी तैयार खड़ी थी लेकिन बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है।

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