बलूचिस्तान पर भिड़े पाकिस्तान और ईरान, पाक ने कहा- वहां से हमारे खिलाफ चरमपंथी हमले की साजिश रची जा रही है

नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – पाकिस्तान का बलूचिस्तान प्रांत ईरान की सीमा से लगा हुआ है। बलूच पाकिस्तान में भी हैं और ईरान में भी। ईरान का सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत पाकिस्तान की सीमा से लगा है, जहाँ बलूच रहते हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अलगाववादी बलूच लिबरेशन ऑर्मी चरमपंथी हमलों को अंजाम देने के लिए ईरान की ज़मीन का इस्तेमाल कर रही है। हाल में आरोप लगाया कि उसकी आपत्ति के बावजूद कोरोना के दौर में ईरान ने पांच हज़ार लोगों को वापस पाकिस्तान भेज दिया। इस बीच, पाकिस्तान ईरान के साथ लगी 909 किलोमीटर की सीमा पर बाड़ लगाने का काम भी शुरू कर

चुका है। पाकिस्तान की सरकार ने इसके लिए तीन अरब रुपए की धनराशि भी आवटित कर दी है।
पिछले साल फ़रवरी में जब ईरान के रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स पर हमला हुआ था, तो ईरान ने पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी थी। हमले में रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के 27 जवान मारे गए थे। ईरान का आरोप था कि पाकिस्तान में पनाह लिए चरमपंथियों ने ये हमला किया था, लेकिन पिछले साल अप्रैल में जब बलूच में पाकिस्तानी सैनिकों पर हमला हुआ, तो पाकिस्तान ने इसके लिए ईरान में मौजूद बलूच अलगाववादियों को ज़िम्मेदार बताया।

रिश्ते में उतार-चढ़ाव : पाकिस्तान और ईरान के रिश्ते में हमेशा से उतार-चढ़ावा आता रहा है। 1947 में जब पाकिस्तान का गठन हुआ, तो ईरान वैसे कुछ देशों में शामिल था, जिन्होंने पाकिस्तान को मान्यता दी थी। 1948 में तो पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाक़त अली ख़ान ने ईरान का दौरा भी किया था। बाद में ईरान के शाह ने 1950 में पाकिस्तान का दौरा किया। दोनों देशों के रिश्ते अच्छी दिशा में जाते दिख रहे थे। 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद ईरान ने पाकिस्तान को लेकर आक्रामक रुख़ अपनाना शुरू कर दिया। साथ ही उसने अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान को प्रश्रय देने की पाकिस्तान की नीति का विरोध भी किया।