हिंदुस्तान ने जिस पर जताई थी सख्त आपत्ति, उसी को अंजाम देने जा रहा पाकिस्तान, क्या अब दोनों मुल्कों में होगी जंग?

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इस्लामाबाद : समाचार ऑनलाइन  – भारत ने जब से पीओके के मौसम का हाल बताना शुरू किया है पाकिस्तान पीएम इमरान खान की नींद उड़ गयी है। इमरान खान को भारत द्वारा ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ या ‘एयर स्ट्राइक’ का डर सता रहा है। जिसके बाद से पकिस्तान से पूरी दुनिया से मदद मांगने में जुटा हुआ है। पाकिस्तान भी कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित है लेकिन इमरान खान अपना समय भारत विरोधी प्रॉपेगैंड फैलाने में लगा रहे हैं।

इस बीच पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान में अपनी मनमानी करने पर अड़ गया है। हिंदुस्तान के कड़ी आपत्ति के बावजूद, पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगिट-बाल्टिस्तान प्रांत में चुनाव कराने और एक केयरटेकर सरकार बनाने के आदेश पर मुहर लगा दी है। ऐसे में दोनों देशों में तनाव और बढ़ सकते है। कई जानकारों का मानना है कि आज नहीं कल बहुत जल्द ही भारत और पाकिस्तान में जंग की संभावना बनती दिख रही है। बता दें कि 30 अप्रैल को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान क्षेत्र में चुनाव कराने और इससे जुड़े 2018 के प्रशासनिक आदेश में संशोधन के लिए अनुमति दे दी थी। भारत ने इस फैसले को लेकर इस्लामाबाद के सामने कड़ा विरोध दर्ज कराया था। भारत ने कहा था कि पाकिस्तान को अवैध और जबरन किए हुए क्षेत्र को लेकर कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने गिलगित-बाल्टिस्तान पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर पाकिस्तानी राजदूत को आपत्ति पत्र सौंपा था। भारत ने स्पष्ट किया था कि गिलगित-बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस्लामाबाद को इन क्षेत्रों में अपने अवैध कब्जे को छोड़कर इलाके को तुरंत खाली कर देना चाहिए। शनिवार को पाकिस्तान के कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान मामलों के मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी की। इस अधिसूचना में कहा गया है कि इलाके में पारदर्शी चुनाव सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने गिलगित-बाल्टिस्तान ऐंड केयरटेकर एमेंडमेंट ऑर्डर, 2020 पर मुहर लगाई है।

इस आदेश के बाद केयरटेकर सरकार दो महीनों के भीतर गिलगित-बाल्टिस्तान विधानसभा चुनाव कराएगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इसी सप्ताह, पाकिस्तान की सरकार ने चीन की फर्म के साथ 442 अरब रुपये के एक कॉन्ट्रैक्ट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस प्रोजेक्ट के तहत, गिलगित-बाल्टिस्तान में दिआमेर-भाषा बांध का निर्माण किया जाएगा। भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को लेकर गुरुवार को कड़ा संदेश दिया और कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्र में इस तरह की परियोजनाओं को शुरू करना सही नहीं है। पूर्व आर्मी चीफ और केंद्रीय राज्यमंत्री वीके सिंह ने भी गिलगित-बाल्टिस्तान के मुद्दे पर आज तक के एक कार्यक्रम में कहा था, पूरा कश्मीर भारत का है, जिसके अंदर पीओके हमारा हिस्सा है जो हमारे पास अपने आप आएगा।

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