पाकिस्तानी किसानों को टिड्डियों से नुकसान नहीं बल्कि हो रही मोटी कमाई

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इस्लामाबाद : समाचार ऑनलाइन – कोरोना के प्रकोप के बीच भारत के कई राज्यों पर मंडरा रहे टिड्डियों के झुंड को ढाई दशक के सबसे खतरनाक हमले के तौर पर देखा जा रहा है। ये टिड्डियां राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में 47,308 हेक्टेयर फसल को नुकसान पहुंचा चुकी हैं। इस बार आए झुंड में युवा टिड्डियां ज्‍यादा हैं। ये ज्‍यादा तेजी के साथ एक बार में ज्‍यादा दूसरी तक उड़ सकती हैं। बताया जा रहा है कि ये टिड्डियां पाकिस्‍तान से होते हुए भारत आई हैं। पाकिस्‍तान में भी टिड्डियों के झुंड काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इस बीच पाकिस्‍तान के वैज्ञानिकों ने इन टिड्डियों से निपटने का आसान तरीका ढूंढ निकाला है।

इसके लिए न तो हानिकारक कीटनाशकों का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे पर्यावरण को खतरा हो और न ही टिड्डियों को फसल बर्बाद करने का ही मौका दिया जा रहा है। सबसे बड़ी बात ये है कि सिर्फ किसान ही नहीं दूसरे सेक्टर से जुड़े लोगों की कमाई भी टिड्डियों की वजह से आजकल बढ़ चुकी है। जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान के ओकरा जिले में टिड्डियों की समस्या से निपटने के लिए एक बहुत ही नए तरह का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट का मूल मंत्र ये है कि किसानों को टिड्डियों को पकड़ना होता है, जिसका इस्तेमाल मुर्गियों के चारे के रूप में किया जा रहा है। मुर्गियों को टिड्डी खिलाने से क्या फायद होता है, इसकी भी हम चर्चा करेंगे, लेकिन ये बात जान लीजिए कि मुर्गियों का चारा बनाने वाली मिलों में इन टिड्डियों की मांग बहुत ज्यादा बढ़ गई है और पोल्ट्री वाले भी इस चारे को बहुत ज्यादा पसंद कर रहे हैं।

अपने इस प्रोजेक्ट को कामयाब बनाने के लिए उन्होंने नारा दिया, ‘टिड्डियों को पकड़ो, पैसे कमाओ, फसल बचाओ।’ इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को एक किलो टिड्डी पकड़ने के लिए पाकिस्तानी 20 रुपये (0.12 अमिरेकी डॉलर) का ऑफर दिया गया। हर एक किसान को एक रात की कमाई के तौर पर पाकिस्तानी 20,000 रुपये (125 अमेरिकी डॉलर) तक मिलने शुरू हो गए। नतीजा ये हुआ कि शुरू में 10 से 15 किसान ही आते थे, लेकिन जैसे ही कमाई की खबर फैली तीसरे दिन से ही इस काम के लिए सैकडों किसी पहुंचने लगे।

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