सत्तादलों की दोगली नीति से पवना पाइपलाइन योजना अधर में

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पिंपरी : पुलिसनामा ऑनलाइन – पिंपरी चिंचवड शहर के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही पवना पाइपलाइन परियोजना को लेकर सत्तादल भाजपा में दोहरी भूमिका हाल ही में उजागर हुई है। इसी हालात में पिंपरी चिंचवड़ मनपा के विपक्षी नेता नाना काटे ने एक सनसनीखेज आरोप लगाया है कि, भाजपा और शिवसेना सांसद श्रीरंग बारणे की दोगली नीति के चलते ही पवना पाइपलाइन परियोजना गत आठ साल से अधर में लटकी है। सत्तादलों की दोगली नीति के चलते ही शहर में पानी की किल्लत निर्माण हुई है, यह टिप्पणी भी उन्होंने की है।
मनपा द्वारा 2031 में पिंपरी चिंचवड शहर की आबादी का विचार कर पवना बांध से बंद पाइपलाइन के जरिए शहर में पानी लाने की योजना बनाई गई है। इस परियोजना से शहरवासियों को 24 घन्टे, पर्याप्त व उचित दाब से पानी की आपूर्ति की जा सकेगी और पानी का अपव्यय भी कम होगा, यह दावा किया गया है। मगर राज्यमंत्री बाला भेगड़े ने किसानों को भड़काया और इस परियोजना के खिलाफ आंदोलन करवाया। हिंसक आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग में तीन किसानों की मृत्यु हो गई। इन किसानों की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में भेगड़े ने फिर एक बार इस परियोजना की खिलाफत की है।
इसी कार्यक्रम में सांसद श्रीरंग बारणे ने भी इस परियोजना का विरोध जताया और प्रशासन के नियोजनशून्य कामकाज के चलते यह परियोजना अधर में लटकी, यह आरोप भी उन्होंने लगाया। एक तरफ वे पिंपरी चिंचवड़ शहरवासियों को नियमित पानी देने की भूमिका को लेकर आक्रामक तेवर अपनाते हैं दूसरी ओर मावल में मात्र उनकी भूमिका बदल जाती है। भाजपा- शिवसेना की सत्ता आने के बाद तत्कालीन पालकमंत्री गिरीश बापट ने इस परियोजना को पूरा करने की घोषणा की। मगर उन्हीं की पार्टी के मंत्री और मित्रदल शिवसेना के सांसद योजना का विरोध कर रहे हैं। जब सत्तादलों के नेता पिंपरी चिंचवड़ में रहने के दौरान योजना का।समर्थन औऱ मावल में जाते ही उनकी भूमिका बदल जाती है। के दोनों भी पार्टियां शहरवासियों को भ्रमित बना रहे हैं, यह आरोप विपक्ष के नेता काटे ने लगाया है।
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