“होंठ पर लाली और मुंह पर पाउडर लगाकर बैठे लोगों को अब खिड़की बंद कर देनी चाहिए”

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मुंबई : पोलीसेनमा ऑनलाइन – शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष और सत्तारूढ़ पार्टी में कई मुद्दों को लेकर तीखी झड़प देखने को मिली. हाल ही में देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर सवाल उठाया था कि, क्या उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब को कांग्रेस के साथ जाने का वचन दिया था? इसके बाद शिवसेना भी चुपचाप नहीं बैठी और बीजेपी पर हमला,वर हो गई. अब दोनों एक-दूसरे पर शब्दों के बाण चला रहे हैं. अब शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के जरिए भाजपा पर निशाना साधा है.

शिवसेना ने ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा है कि, साल 2019 में देवेंद्र फडणवीस और उनके माता-पिता ने अपने शब्दों का पालन नहीं किया. इसलिए उनके लिए महाराष्ट्र में अब राजनीतिक रूप से बेकार होने का समय आ गया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी घोषणा कर दी है कि अब, शिवसेना ने अपने पर से  भाजपा का बोझ उतारकर फेंक दिया है. इसलिए, जो लोग खिड़की में अपने होंठ पर लाली और मुंह पर पाउडर लगाकर बैठे हैं, उन्हें खिड़की को बंद कर लेना चाहिए. अब हमारा कोई रिश्ता नहीं है। वह रिश्ता हम पर बोझ था.

‘सामना’ संपादकीय के मुख्य बातें

– मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने नागपुर मानसून सत्र के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि अब भारतीय जनता पार्टी रूपी बोझ उतर गया है. पिछले 30 सालों से इसे कंधे पर ढो रहे थे. यह सिलसिला 30 वर्षों तक चला. अब लिपस्टिक और पावडर लगाकर खिड़की पर बैठी बीजेपी को अपनी खिड़की बंद कर लेना चाहिए.

भाजपा ने अब यह कहना बंद कर देना चाहिए कि शिवसेना के लिए अब भी हमारे दरवाजें खुले हैं और हम बातचीत के लिए तैयार हैं.

“हम लंबे समय तक विपक्ष में नहीं रहेंगे. हम अगले सत्र में फिर से सत्ता में होंगे.” ऐसे फेंकू बयानों के बावजूद भी नागपुर की ठंडी राजनीतिक हवा गर्म नहीं हुई.

– न केवल शिवसेना से भाजपा बोझ कम हुआ है, बल्कि अब  महाराष्ट्र के दिमाग पर बोझ कम हो गया और खुली हवा हो गई है.

– बोझ और तनाव इतना कम हो गया है कि एकनाथ खडसे जैसे नेता अब खुलकर बोलने लगे हैं। खडसे अब राहत महसूस कर रहे हैं कि अब वह एक बार पवार से मिलते हैं और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात करते हैं।

 अब वे हिम्मत से कह रहे हैं कि मैं अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हूं. पंकजा मुंडे की भूमिका भी इससे अलग नहीं है। हर किसी के दिमाग से बोझ कम उतर गया है और आजादी की सांस ले रहा है.

– देवेंद्र फडणवीस ने शिवसेना पर सवाल उठाया था कि, क्या उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब को कांग्रेस के साथ जाने का वचन दिया था? इसके जवाब में सामना में लिखा गया है कि, जो लोग कांग्रेस पार्टी के नेताओं में सेंध लगाकर अपनी पार्टी में मिलाकर सत्ता पाना चाहते हैं, उन्हें ऐसे बयान देने में संकोच नहीं करना चाहिए कि कांग्रेस की मदद से शिवसेना को मुख्यमंत्री का पद मिला।

– जिन लोगों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को ‘भारत जलाओं पार्टी’ कहा था, वे रामविलास पासवान आज मोदी के मंत्रिमंडल में हैं.

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