पिंपरी चिंचवड़: चिखली में मिली मूल्यवान इतिहास कालीन स्वर्ण मुद्राएं

March 9, 2021
खुदाई में मुद्राएं मिलने के बाद बंटवारे पर से हुए विवाद से खुला रहस्य
क्राइम ब्रांच यूनिट 2 की उपलब्धि
पिंपरी। निर्माण कार्य के लिए खुदाई के दौरान पिंपरी चिंचवड़ के चिखली इलाके में इतिहास कालीन स्वर्ण मुद्राओं से भरी तांबे की एक हंडी मिली है। खुदाई करनेवाले मजदूरों जोकि आपस में रिश्तेदार हैं, के बीच स्वर्ण मुद्राओं के बंटवारे को लेकर गत तीन- चार माह से विवाद चल रहा था। यह विवाद क्राइम ब्रांच के यूनिट 2 की टीम तक पहुंचा और पुलिस ने ऐतिहासिक धरोहर रही सन 1720 से 1750 के बीच की 216 स्वर्ण मुद्राएं और 526 ग्राम का कांस्य धातु की टूटी हुई हंडी बरामद की है।
पिंपरी चिंचवड़ के पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में इसकी जानकारी देते हुए बताया कि, यूनिट 2 की इस बड़ी कार्रवाई में 2357 ग्राम वजनी 216 स्वर्ण मुद्राएं बरामद की गई है। आज के बाजार भाव के अनुसार एक स्वर्ण मुद्रा की कीमत 60 से 70 हजार रुपए बताई गई हैं। हालांकि ये इतिहास कालीन स्वर्ण मुद्राएं रहने से ये अनमोल हैं। इस बारे में सरकार के पुरातत्व विभाग को सूचित किया गया है। उनसे अभिप्राय मिलने के बाद संबंधित मजदूरों के खिलाफ मामला दर्ज किया जायेगा। जिस हंडी में ये स्वर्ण मुद्राएं मिली हैं वह टूटी हुई है। ऐसे में जिस जगह से ये मुद्राएं मिली वहां और मुद्राएं रहने
की संभावना है। पुरातत्व विभाग की टीम वहां खोजबीन करेगी।
की संभावना है। पुरातत्व विभाग की टीम वहां खोजबीन करेगी।

पुलिस आयुक्त कृष्ण प्रकाश ने बताया कि, क्राइम ब्रांच के यूनिट 2 के पुलिस नाईक जमीर तांबोली को मुखबिर से सलाम सालार खान पठाण (निवासी विठ्ठलनगर झोपडपट्टी, नेहरूनगर, पिंपरी) द्वारा अपने घर में ऐतिहासिक स्वर्ण मुद्राएं छिपाकर रखे जाने की जानकारी मिली। इसके अनुसार युनिट 2 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक शैलेश गायकवाड, उपनिरीक्षक संजय निलपत्रेवार, कर्मचारी केराप्पा माने, दिलीप चौधरी, शिवानंद स्वामी, प्रमोद वेताल, दीपक खरात, उषा दले, जयवंत राऊत, वसंत खोमणे, विपूल जाधव, जमीर तांबोली, नामदेव राऊत, अजित सानप, नामदेव कापसे, आतिष कुडके, शिवाजी मुंढे के समावेशवाली टीम ने छापा मारकर पठान के घर से स्वर्ण मुद्राएं जब्त की।
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि पठान के ससुर मुबारक शेख और साले इरफान शेख (दोनों निवासी पाथरी, परभणी) तीन से चार माह पहले मजदूरी के लिए पठान के पास पिंपरी में आये। ये दोनों चिखली के एक निर्माण कार्य पर दिहाड़ी मजदूरी करने लगे। यहां खुदाई के बाद मिट्टी भरते वक्त उन्हें चार-पांच सोने की मुद्राएं मिली। उन्हें ये मुद्रायें सदाम पठान को दिखाई। दूसरे दिन अकेले में जाकर पठान और इरफान ने वहां मिट्टी में से खोजबीन करते हुए कांस्य धातु की छोटी हंडी और उसमें स्वर्ण मुद्राएं हासिल की। इसके बाद ये मुद्रायें सदाम के घर में लाकर छिपाकर रखी। मुद्राओं के बंटवारे को लेकर उनमें विवाद शुरू हो गया। इस विवाद की जानकारी पुलिस तक पहुंची और उनकी पोलखोल हो गई। पुरातत्व विभाग के अनुसार चिखली से मिली स्वर्ण मुद्राएं इतिहास कालीन 1720 से 1750 कालखंड के हैं। उस पर उर्दू और अरबी भाषा में राजा मोहम्मद शाह की मुद्रा उल्लेखित है।