पुलिस ने किया खुलासा…बड़े दंगों’ की तैयारी में था ताहिर हुसैन, नए हथियार खरीदने के लिए दिए थे पैसे

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नई दिल्ली : समाचार ऑनलाइन – आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन ने जनवरी में एक स्थानीय निवासी को ‘बड़े दंगे’की तैयारी के लिए कथित तौर पर अपने खजाने खोल दिए थे। यह जानकारी दिल्ली पुलिस ने सोमवार को अदालत में दायर आरोप पत्र में दी। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हाल में हुए सांप्रदायिक दंगे के सिलसिले में हुसैन को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का दावा है कि ‘जनवरी में ताहिर हुसैन ने उस स्थानीय निवासी को ‘बड़े दंगे की तैयारी करने को कहा था। ताहिर ने उसे नये हथियार खरीदने के लिए 15 हजार रुपये भी दिए थे। इसी मुताबिक 31 जनवरी को उसने 100 गोलियां खरीदी थीं। उसके पास पहले से ही 100 गोलियां थीं। पुलिस ने कहा कि दंगों के दौरान इन 200 गोलियों में से अधिकतर गुलफाम ने ही चलाई थीं और उससे केवल सात कारतूस बरामद हुए।

आरोप-फ6 में यह जिक्र : दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राकेश कुमार रामपुरी की अदालत में फरवरी में एक स्थानीय निवासी की हत्या के प्रयास से जुड़े मामले में आरोप पत्र दायर किया। हुसैन, उसके भाई शाह आलम, गुलफाम और तनवरी सहित आठ लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया है। इसमें कहा गया है कि जांच के दौरान गुलफाम ने बताया कि उसने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हुए प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया था।

आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला : आरोप पत्र में कहा गया है कि मामले में अन्य आरोपियों की पहचान के लिए जांच जारी है। मामला अजय गोस्वामी की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिन्हें 25 फरवरी के दंगे के समय गोली लगी थी और उन्होंने गुलफाम और तनवीर को मुख्य आरोपी बताया था। गोस्वामी ने शिकायत में आरोप लगाया कि दोनों आरोपी हुसैन की छत से अंधाधुंध गोलीबारी कर रहे थे। हुसैन को दो अन्य मामलों में भी आरोपित किया गया है, जिसमें दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या का मामला भी शामिल है।

आजीवन कारावास की हो सकती है सजा : पुलिस ने कहा, ‘बड़े दंगे’ की तैयारी, गोलियों की खरीदारी और ताहिर हुसैन के घर से अंधाधुंध गोलीबारी दंगों के पीछे के षड्यंत्र को दर्शाता है।’ सभी आरोपी जेल में हैं और उन पर भादंसं की धारा 307 (हत्या के प्रयास), 120- बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (सामान्य मंशा) के तहत मामला दर्ज है। इन अपराधों में अधिकतम आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।

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