कोर्ट में उपस्थित न होने पर पुलिस उपनिरीक्षक निलंबित
पुणे: शहर पुलिस ने अपराधी और कई गैंग के खिलाफ मुहिम शुरू कर बहुत सारे अपराधियों को जेल में बंद किया है। इन अपराधियों को कोर्ट में हाज़िर कर, उनकी पुलिस कस्टडी लेकर छनबीन करना का काम शुरू है। ऐसे में कोर्ट में उपस्थित ना रहने की वजह से पुलिस का पक्ष अच्छे से नहीं रख पाने के कारण आरोपी को पुलिस कस्टडी के बदले कोर्ट कस्टडी मिली। इस लापरवाही के कारण वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए सिंहगड रोड पुलिस थाने के पुलिस उपनिरीक्षक को निलंबित किया है।
अपराधी रोशन लोखंडे व उसके साथियों द्वारा सिंहगड रोड में दुकानदारो को बीच रास्ते धमका कर लोगो में डर की भावना पैदा करने की घटना हाल ही में घटी थी। इस घटना की जानकारी होने के बाद भी इन आरोपियो को पकड़ने या उस घटना की जानकारी वरिष्ठ अधिकारियों को न देने के जुर्म में सिंहगड रोड पुलिस थाने के दो कर्मचारियो को हाल ही में निलंबित किया था। उसके बाद इस क्राइम में शामिल अपराधियों की जांच करने का कार्य पुलिस उपनिरीक्षक अविनाश शिंदे को दिया गया था। वरिष्ठ अधिकारी ने शिंदे को आदेश दिया था कि आरोपी को 3 मार्च को कोर्ट में ले कर जाना है, उसके पास से जब्त 2 हज़ार 200 रुपए कोर्ट में जमा करने हैं। साथ ही आरोपी की मदद से फैज़ल काजी को ढूंढ कर उसे गिरफ्तार करने की बाद कोर्ट के निदर्शन में लाकर आरोपी की पुलिस कस्टडी बढाकर लेना है। उन्होने व्हाट्सअप पर भी कोर्ट जाने की जानकारी दी थी। हालांकि उन्होने खुद ना जाकर अपनी ज़िम्मेदारी सहायक फौजदार को सौंप दी। परिणामस्वरूप कोर्ट ने आरोपी को न्यायलयीन कस्टडी दे दी। उसी दिन वरिष्ठ अधिकारी ने शिंदे से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन अपना मोबाइल बंद कर रखा था। इसलिए अपने कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण अविनाश शिंदे को अपर पुलिस आयुक्त डॉ संजय शिंदे ने निलंबित कर दिया।