राम की नगरी अयोध्या : सामने आई भव्य राम मंदिर के मॉडल की पहली तस्वीरें, देखकर हो जाएंगे अचंभित

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अयोध्या : ऑनलाइन टीम – राम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी हैं। हर तरफ हर्ष और उल्लास है। अयोध्या के चप्पे-चप्पे को सजा दिया गया है। सुरक्षा की दृष्टि से आज शाम अयोध्या की सीमाएं सील हो जाएंगी। अयोध्या में दीपावली जैसा नजारा है। रंग-बिरंगी रोशनी से नहाई अयोध्या में लोग दीपोत्सव मना रहे हैं। हर तरफ राम नाम के संकीर्तन की ध्वनि गूंज रही है। यानि की कुल मिलाकर कहा जाये तो मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की तैयारियां पूरी हो गयी है।

इस बीच भव्य राम मंदिर के मॉडल की कुछ तस्वीरें सामने आई है। मंदिर का यह डिजाइन निखिल सोमपुरा ने तैयार किया है। अब मंदिर में तीन की जगह पांच गुंबद होंगे। इससे उसकी लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई बढ़ जाएगी। गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण करने वाले आर्किटेक्ट परिवार के चंद्रकांत सोमपुरा को राम मंदिर के मॉडल और डिजाइन तैयार करने की जिम्मेदारी मंदिर आंदोलन के नायक कहे जाने वाले अशोक सिंहल ने सौंपी थी। मंदिर के इस नए डिजाइन को चंद्रकांत सोमपुरा के बेटों निखिल सोमपुरा और आशीष सोमपुरा ने तैयार किया है।

मंदिर की खासियत –
आर्किटेक्ट प्रॉजेक्ट के अनुसार मंदिर को बनकर तैयार होने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। मंदिर तीन मंजिला होगा और यह वास्तुशास्त्र के हिसाब से बनाया जाएगा। मंदिर में अब 5 मंडप वाला गुंबद और एक शिखर होगा। विश्व हिंदू परिषद के वर्तमान राम मंदिर मॉडल की ऊंचाई 141 फुट से बढ़ाकर 161 फुट की जाएगी।

मंदिर में जाने के लिए 5 दरवाजे (सिंह द्वार, नृत्य मंडप, रंग मंडप, पूजा-कक्ष और गर्भगृह) होंगे। मिट्टी परीक्षण की रिपोर्ट के आधार पर मंदिर के लिए नींव की खुदाई होगी। यह 20 से 25 फीट गहरी हो सकती है। प्लैटफॉर्म कितना ऊंचा होगा इस पर निर्णय राम मंदिर ट्रस्ट करेगा। इस मंदिर की लंबाई लगभग 270 मीटर, चौड़ाई 140 मीटर होगी। हर मंजिल पर लगभग 106 खम्भे होंगे।

पहली मंजिल पर खम्भे की लम्बाई लगभग 16.5 फुट और दूसरी मंजिल पर 14.5 फुट प्रस्तावित है। प्रत्येक मंजिल 185 बीम पर टिकी होगी। मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। मंदिर में संगमरमर का फ्रेम और लकड़ी के दरवाजे होंगे। मंदिर के नींव के प्लेटफॉर्म को तैयार करने में तीन-चार महीने लग सकतें है। राम मंदिर के फर्श पर संगमरमर बिछाया जाएगा। यह मंदिर लगभग 221 पिलर पर खड़ा होगा।

इसमें आवागमन के लिए मुख्य पांच द्वारों के अलाव कुल 24 द्वार बनाए जाएंगे। मंदिर के प्रत्येक खंभे पर 12 मूर्तियां उकेरी गई हैं। यह मूर्तियां देवी-देविताओं की हैं। यहां श्रद्धालुओं के बैठने विचरण करने और विविध कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जगह रहेगी। इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे। यह अक्षरधाम मंदिर की शैली में बनेगा। मंदिर परिसर में संत निवास, शोध केंद्र, कर्मचारियों के आवास, भोजनालय इत्‍यादि होंगे।

 

मंदिर निर्माण में खास बात यह होगी कि 70 एकड़ भूमि में 3 एकड़ में मंदिर तथा कॉरिडोर का जहां निर्माण होगा। वहीं 67 एकड़ भूमि में कई म्यूजियम, माता सीता लक्ष्मण भरत और गणेशजी के मंदिर बनेगें।

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