आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना के तहत सरकारी बैंक खरीदेंगे 14667 करोड़ के NBFC बॉन्ड: वित्त मंत्री

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नई दिल्ली : ऑनलाइन टीम – सरकारी बैंकों ने बढ़ी हुई आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना (PCGS) के तहत 67 गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFCs) द्वारा जारी 14,667 करोड़ रुपये के बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्रों को खरीदने की योजना को अनुमति दी है। देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को यह जानकारी दी है। इस राशि में से 6,845 करोड़ रुपये AA से नीचे की रेटिंग वाले बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों के लिए है, जो कम रेटिंग व वाले बॉन्ड्स व कमर्शियल पेपर्स के साथ एनबीएफसी को लिक्विडिटी सपोर्ट प्रदान करेंगे।

वित्त मंत्रालय ने बताया कि गैर-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को लिक्विडिटी सपोर्ट देने के लिए आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना का पुर्नोत्थान किया गया था। इसमें एनबीएफसी द्वारा जारी एए व इससे निचली रेटिंग वाले बॉन्ड की सरकारी बैंकों द्वारा खरीदारी के लिए उन्हें 20 फीसदी पोर्टफोलियो गारंटी प्रदान करना शामिल था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कहा कि 10 जुलाई 2020 तक सरकारी बैंकों ने बढ़ी हुई आंशिक क्रेडिट गारंटी योजना (PCGS) के योजना को अनुमति दी है।

वित्त मंत्री ने दिया ब्यौरा –
वित्त मंत्री ने एनबीएफसी द्वारा जारी किए गए बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्रों का क्षेत्रवार ब्यौरा दिया, जिसके अनुसार उत्तरी क्षेत्र में 12 एनबीएफसी के 3,060 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स व वाणिज्यिक पत्र, पूर्वी और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र में तीन एनबीएफसी के 1,357 करोड़ के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र, पश्चिमी क्षेत्र में 29 एनबीएफसी के 4,540 करोड़ रुपए के बॉन्ड्स और वाणिज्यिक पत्र और दक्षिणी क्षेत्र में 23 एनबीएफसी के 5,710 करोड़ रुपए के बॉन्ड व वाणिज्यिक पत्र शामिल हैं।

सरकार ने COVID-19 प्रकोप के कारण आई मांग व निजी निवेश में गिरावट के चलते संकट से जूझ रहे विभिन्न सेक्टर्स की मदद के लिए पिछले हफ्तों में कई कदम उठाए हैं।

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