CWS की बैठक में राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की, पार्टी ने नकारा, बैठक छोड़कर राहुल और प्रियंका गांधी निकले

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नई दिल्ली :पोलीसनामा ऑनलाईन – लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद राहुल गांधी पर अपने पद से इस्तीफा देने का दवाब बढ़ गया है। इसी क्रम में शनिवार को राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी के समक्ष अपने इस्तीफे की पेशकश की लेकिन सीडब्ल्यूसी ने इसे सिरे से खारिज कर दिया। कांग्रेस की तरफ से आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि राहुल गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, लेकिन उनके इस्तीफे को  मंजूर नहीं किया गया। उन्होंने कहा, पार्टी हार स्वीकार करती है, लेकिन पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ही रहेंगे।पार्टी में बदलाव के पूरे अधिकार राहुल गांधी को दिए गए हैं।

इससे पहले शनिवार सीडब्ल्यूसी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि गांधी परिवार से अगला पार्टी अध्यक्ष ने हो। साथ ही प्रियंका गांधी का भी नाम अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं, पार्टी के लिए काम करना चाहता हूं। इसके बाद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा बैठक से बाहर निकल गए। इससे पहले बैठक में सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने राहुल गांधी से कहा कि आप इस्तीफा नहीं दीजिए। आप काम कीजिए। सभी की बात सुनने के बाद राहुल गांधी ने बैठक को संबोधित किया।

प्रियंका और मनमोहन ने समझाया
इससे पहले 23 मई को राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के समक्ष इस्तीफे की पेशकश की थी। इस पर सोनिया गांधी ने राहुल गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी में अपनी बात रखने के लिए कहा था। शनिवार की बैठक में भी राहुल इस्तीफा देना चाहते थे लेकिन प्रियंका गांधी और मनमोहन सिंह ने उन्हें समझाया। मनमोहन सिंह ने कहा हार जीत लगी रहती है, इस्तीफे की जरूरत नहीं है।

लोकसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन
शनिवार को मोदी लहर में कांग्रेस की बुरी गत पर विचार करने और हार की समीक्षा करने के लिए इकट्ठा हुए थे।इस बैठक में राहुल गांधी के साथ प्रियंका गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, मल्लिकार्जुन खडगे, गुलाम नबी आजाद, पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पहुंचे थे।

कांग्रेस इस चुनाव में केवल 8 सीटों पर फायदे में रही
पिछले लोकसभा चुनाव के मुकाबले कांग्रेस ने इस बार 8 सीट ज्यादा जीती लेकिन इस चुनाव में राहुल गांधी अपनी अमेठी सीट ही नहीं बचा पाए। इस बार पार्टी को 52 सीटों पर जीत मिली जो पिछली बार 44 थी। विपक्ष में बैठने के लिए 54 का आंकड़ा जरूरी है जिससे पार्टी 2 सीट पीछे रह गई। वैसे राहुल गांधी ने वायनाड सीट से बंपर जीत हासिल की है।

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