31 अगस्त करीब… बैंक तय करेंगे EMI moratorium किसे देना है, किसे नहीं

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नई दिल्ली. ऑनलाइन टीम – कोविड-19 महामारी की वजह से लॉकडाउन के दौरान आरबीआई की ओर से तीन-तीन के दो बार या फिर छह महीने के ऋण के किस्त अधिस्थगन 31 अगस्त को समाप्त होने जा रहा है। इसे समाप्त होने में अभी एक महीने का समय बचा है। ऐसे में, लोन लेने वालों के मन में यह सवाल लगातार पैदा हो रहा है कि क्या आरबीआई इसे और आगे बढ़ाएगा?
रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि ऋण अधिस्थगन किसको देना है और किसको नहीं, यह बैंकों को तय करना है। ऋण अधिस्थगन तो एक अस्थायी समाधान था। उन्होंने कहा कि ऋण अधिस्थगन के बजाए स्थायी हल निकालना जरूरी है।
पर्सनल लोन का बैंक कर सकते हैं पुनर्गठन : आरबीआई गवर्नर ने कहा कि केवी कामत समिति की सिफारिश बिजनेस लोन पर होगी। प्रस्ताव की मसौदा रिपोर्ट 6 सितंबर तक आ जाएगी। पर्सनल लोन पर बैंक ऋण पुनर्गठन कर सकते हैं। कोरोना संकट में ही प्रस्तावित मसौदा लागू होगा। प्रस्ताव का मसौदा सभी मामलों में लागू नहीं होगा।

फिलहाल महंगाई कोई बाधा नहीं : गवर्नर ने कहा कि फिलहाल, महंगाई को लेकर कोई बाधाएं नहीं हैं। आगे की स्थिति पर अभी टिप्पणी करना ठीक नहीं है। प्रस्ताव के मसौदे पर सोच-समझकर फैसला किया गया है। हमारे लिए बैंकों की हेल्थ बहुत महत्वपूर्ण है। कोरोना काल में कारोबार काफी मुश्किल में फंसा है। सरकार ने कर्जदारों को राहत देने के लिए कई कदम उठाए हैं। रियल एस्टेट पर भी सरकार ने बैंकर्स और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद कई अहम फैसले किए हैं। बहुत सारे संकट में फंसे कारोबार को राहत दी गयी है। सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों में विनिवेश पर सरकार उचित फैसला लेगी।

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