10 वीं और 12 वीं अभ्यासक्रम पर चलाई जाएगी कैंची, 2 करोड़ से ज्यादा छात्रों को पढ़ाया जायेगा ऑनलाइन पाठ

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मुंबई : पोलिसनामा ऑनलाइन – जैसे-जैसे कोरोना संक्रमण दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है, वैसे ही स्कूल की घंटी बजने में भी देर लगेगी। इस कोरोना काल में स्कूल शिक्षा विभाग ने व्हर्च्युअल क्लॉस रूप के माध्यम से छात्रों को रेडियो और टेलीविजन से शिक्षा पाठ प्रदान करने की योजना बनाई है। हालांकि, राज्य शैक्षिक संशोधन और प्रशिक्षण परिषद बालभारती और राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की योजना के अनुसार, इसकी सीमाओं को ध्यान में रखते हुए छात्रों को पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा। जिसमें अनावश्यक पाठ को कम कर दिए जायेंगे। परीक्षा के लिए और आने वाले शैक्षणिक वर्ष के लिए जो महत्वपूर्ण है उसे पढ़ाया जायेगा।

बता दें कि राज्य में दो करोड़ 25 लाख छात्र कक्षा एक से बारहवीं तक की पढ़ाई कर रहे हैं। इसमें से स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन के माध्यम से लगभग 1 करोड़ 90 लाख छात्रों तक पहुंचने की योजना बनाई है। लेकिन, केंद्रीय दूरसंचार मंत्रालय ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि ऑनलाइन शिक्षा के लिए टेलीविजन पर 16 में से कौन से मुफ्त चैनल दिखाए जायेंगे। जानकारी के मुताबिक, ऑनलाइन शिक्षा के आधार पर स्कूल इस साल 15 जून से काम करना शुरू करेंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा का एक अकादमिक कैलेंडर भी तैयार किया गया है। विदर्भ में 26 जून से वहीं पश्चिम महाराष्ट्रा समेत पुरे महाराष्ट्र में 15 जून से यह प्रयोग शुरू किया जायेगा, शैक्षणिक संशोधन व प्रशिक्षण परिषद ने ऐसा व्यक्त किया है।

बताया गया है कि जो पाठ्यक्रम परीक्षा के लिए महत्पूर्ण होने या आने वाले शैक्षणिक वर्ष में फायदेमंद होंगे उन्हें ही पढ़ाया जायेगा। बाकि के पाठ को कम कर दिया जायेगा। साथ ही मराठी, हिंदी और अंग्रेजी विषय के तुलना विज्ञान, गणित ऐसे विषयों को ज्यादा प्राथमिकता दी जाएगी।

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