रावेत के बांध से कीचड़ निकाला गया : पानी के स्टॉक में भारी वृद्धि

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पिंपरी : पोलीसनामा ऑनलाईन – पिंपरी-चिंचवड़ मनपा द्वारा रावेत बांध का कीचड़ निकाला जा रहा है। इससे बांध में पानी के स्टॉक की क्षमता में 5 लाख मिलियन लीटर की वृद्धि हो गई है। अशुद्ध जल उपसा केंद्र तक पहुंचने वाले प्रवाह की अड़चनें दूर हो गई हैं। इसके चलते पानी निकालने वाले पम्पों को बंद नहीं करना पड़ेगा। दापोड़ी स्थित राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग की संस्था ङ्गयांत्रिकी भवनफ के माध्यम से कीचड़ निकालने का कार्य किया जा रहा है।

पवना नदी पर रावेत में बनाया गया बांध तत्कालीन आबादी के अनुसार पानी की मांग तथा भविष्य में आबादी में संभावित वृद्धि को दृष्टि में रखते हुए बनाया गया था। उसके बाद शहर में निर्मित औद्योगिक क्षेत्र की वजह से पिछले कुछ दशकों में मनपा क्षेत्र का तेजी से विस्तार हो रहा हैै। कम समय में आबादी में भारी वृद्धि देखी गई। रावेत बांध के मनपा का जल उपसा केंद्र है। यहां से फिलहाल मनपा द्वारा 480 एमएलडी, एमआईडीसी द्वारा 120 एमएलडी तथा महाराष्ट्र जीवन प्राधिकरण द्वारा 30 एमएलडी पानी प्रतिदिन लिया जा रहा है।

रावेत स्थित डैम सिंचाई विभाग के नियंत्रण में है। इसकी देखभाल व मरम्मत सिंचाई विभाग के माध्यम से की जाती है। काफी पुराना होने के चलते इस बांध में पानी के स्टॉक की क्षमता अपर्याप्त हो गई है। इस बांध से ही शहर में सप्लाई हेतु पानी लिया जाता है। इस बांध तक पहुंचने वाले पानी के मार्ग पर कुछ अड़चनें थीं। इस वजह से पर्याप्त मात्रा में पानी यहां नहीं पहुंच पाता था तथा वाटर लेवल कम होने से शहर में पानी सप्लाई प्रभावित होती थी।

इस समस्या को दूर करने मनपा ने राज्य सरकार के जल संसाधन विभाग के ङ्गयांत्रिकी भवनफ के 20 मीटर बूम वाले पोकलेन की सहायता से बांध का कीचड़ व मिट्टी निकालने का कार्य शुरू किया है। इससे बांध में पानी के स्टॉक की क्षमता में वृद्धि हुई है। अब वाटर लेवल कम होने व पम्प बंद करने की जरूरत नहीं रहेगी। इससे पुणे मनपा के वाघोली में भी पानी सप्लाई नियमित की जा सकेगी।

स्टॉक क्षमता में 5 मिलियन लीटर की वृद्धि वाटर सप्लाई विभाग के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर रामदास तांबे ने कहा, ङ्गदापोड़ी स्थित सिंचाई विभाग के ङ्गयांत्रिकी भवनफ के 20 मीटर बूम वाले पोकलेन की सहायता से कीचड़ निकाला जा रहा है। कीचड़ निकाले जाने से बांध की कैपेसिटी में 5 मिलियन लीटर की वृद्धि हो गई है। अब तक पानी पहुंचने के मार्ग में अड़चन की वजह से वाटर लेवल कम हो जाता था व पम्प बंद करना पड़ता था। कीचड़ निकालने से प्रवाह के मार्ग की अड़चन दूर हो गई है व पानी सप्लाई नियमित हो रही है। कीचड़ निकालने का कार्य कुछ दिनों तक जारी रहेगा।

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