इंग्लैंड में हुई बेटे की मौत, लॉक डाउन में फंसे माता-पिता

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पुणे। संवाददाता कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते संक्रमण के चलते पूरे भारत में 21 दिन का लॉक डाउन जारी किया गया है। लॉकडाउन की इस अवधि ने कई परिवारों को कभी न भूलने वाले गम भी दे दिए हैं जिसकी कड़वी यादें ताउम्र उन्हें सताती रहेंगी। पुणे के एक मां-बाप के लिए भी यह वक्त बहुत भारी साबित हो रहा है। उनके 23 साल के बेटे की इंग्लैड में मौत हो गई है लेकिन लॉकडाउन की वजह से वे पुणे में ही फंसकर रह गए हैं। कई कोशिशों के बाद भी वे निकल नहीं पा रहे हैं। बेटे के अंतिम संस्कार में शामिल न हो पाने का दर्द परिजन शब्दों में बयां भी नहीं कर पा रहे हैं।
मीडिया की खबरों के मुताबिक, यूके की यूनिवर्सिटी ऑफ सेंट्रल लंकाशायर में मार्केटिंग स्टूडेंट 23 वर्षीय सिद्धार्थ मुरकुंबी 15 मार्च से लापता था। पुलिस को नदी के किनारे सिद्धार्थ का शव मिला। इस वक्त उसके माता पिता पुणे में हैं। वे उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। वे अपने बेटे की अंतिम झलक पाने के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने यूके सरकार से शव को भेजने की भी अपील की। इस मुश्किल परिस्थितियों के बीच सिद्धार्थ के पिता शंकर मुरकुंबी ने यूके सरकार से अपील की है कि सिद्धार्थ के शव को अंतिम संस्कार के लिए तत्काल दिया जाए। उसकी मां अपने बेटे को अंतिम बार गले लगाने का अधिकार तो रखती है।
सिद्धार्थ के माता पिता उसके अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होने के लिए यूके नहीं जा पा रहे हैं। शंकर कहते हैं कि इस हालात में वे यात्रा नहीं कर पा रहे हैं। सिद्धार्थ की मौत को लेकर यूके पुलिस शुरुआती जांच में इसे आत्महत्या मान रही है। हालांकि उसके माता पिता ने मीडिया को बताया कि यूनिवर्सिटी में सिद्धार्थ का सीनियर शिवम मौत के दो दिन पहले ही उससे मिला था। उसका कहना है कि मुलाकात के दौरान उसकी किसी भी बात से ऐसा नहीं लगा कि वह आत्महत्या कर सकता है। बहरहाल पुणे में लॉक डाउन में फंसे दुखियारे व बेबस माता पिता को अपने बेटे के अंतिम संस्कार के लिए सरकार से मदद की उम्मीद है।
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