राज्य सरकार द्वारा वार्षिक आर्थिक सर्वे रिपोर्ट पेश

अर्थव्यवस्था में 7।5% की वृद्धि का अनुमान, कृषि व उद्योग क्षेत्रों में कमी की संभावना

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मुंबई : पुलिसनामा ऑनलाईन – महाराष्ट्र विधानसभा का वर्षाकालीन अधिवेशन सोमवार को शुरू हुआ। इसके पहले दिन वित्त मंत्री सुधीर मुनगंगटीवार ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए राज्य की आर्थिक स्थिति की वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट के अनुसार राज्य की अर्थव्यवस्था में 7।5% की वृद्धि तथा कृषि एवं उद्योग की दर में कुछ कमी अपेक्षित है। पिछले साल भी अर्थव्यवस्था में इतनी ही यानी 7।5% वृद्धि का अनुमान लगाया गया था। प्रति व्यक्ति इन्कम में महाराष्ट्र देश में तीसरे क्रमांक पर है।

पिछले साल सूखे के चलते राज्य में फसल उत्पादन में 8% की कमी की चिंताजनक बात वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में दर्ज की गई है। राज्य में कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में 2।7% की कमी अपेक्षित है। पिछले साल कृषि एवं संबंधित क्षेत्रों में 3।1% वृद्धि हुई थी। इस साल इसके सिर्फ 0।4% रह जाने का अनुमान वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है। दूसरी तरफ राज्य के उद्योग क्षेत्र में भी 0।7% की कमी अपेक्षित है। सेवा क्षेत्र में वृद्धि की दर पिछले साल की तुलना में बढ़ेगी। इसके 8।1% से बढ़कर 9।2% हो जाने का अनुमान है। यानी इसमें 1।1% की वृद्धि की संभावना है। राज्य में प्रति व्यक्ति इन्कम की दर में इस साल कोई वृद्धि नहीं हो सकी। प्रति व्यक्ति इन्कम में देश में कर्नाटक एवं तेलंगाना के बाद महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर है।

कर्नाटक में प्रतिव्यक्ति इन्कम 2,07,062 रुपए, तेलंगाना में 2,06,107 रुपए तथा महाराष्ट्र में 1,91,827 रुपए है। इसकी वजह से राज्य में विकास की दर 7।5% रहेगी। पिछले साल भी विकास की दर इतनी ही थी।
वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में सिंचाई के आंकड़े नदारद सिंचाई में घोटाले के आरोप के बाद राज्य में सिंचाई के आंकड़ों को वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया। इस साल भी वार्षिक रिपोर्ट में सिंचाई के आंकड़ों का उल्लेख नहीं किया गया। वित्त वर्ष 2010-11 से सिंचाई के विषय में रिपोर्ट न मिलने से सवाल उठाया जा रहा है कि इतना पानी आखिर कहां जाता है?

वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर एक नजर
* कृषि एवं उद्योग क्षेत्र में कमी अपेक्षित
* कृषि क्षेत्र में 2।8% की कमी अपेक्षित; 2018-19 में कृषि में 0।4% की कमी का अनुमान; 2017-18 में यह दर 3।1% थी
* उद्योग क्षेत्र में भी 0।7% की कमी अपेक्षित; 2017-18 के 7।6% की तुलना में 2018-19 में 6।9% कम होने का अनुमान
* सेवा (सर्विस) क्षेत्र में 1।1% की वृद्धि अपेक्षित। 2017-18 के 8।1% की तुलना में 2018-19 में 9।2% तक वृद्धि
* कितने क्षेत्र में सिंचाई की व्यवस्था है यह जानकारी रिपोर्ट से नदारद
* प्रति व्यक्ति इन्कम में महाराष्ट्र 1,91,828 रुपए के साथ देश में तीसरे नंबर पर

विपक्षियों ने वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर संदेह जताया
केंद्र की बीजेपी सरकार पर विकास दर ज्यादा दर्शाने का आरोप लगाते हुए विपक्षियों ने वार्षिक आर्थिक सवेक्षण रिपोर्ट पर संदेह जताया। विधान परिषद में विपक्षी नेता धनंजय मुंडे ने रिपोर्ट की जांच हेतु दोनों सभागृहों के सर्वदलीय सदस्यों के समावेश वाली समिति के गठन की मांग की। सोमवार को विधानमंडल के वर्षाकालीन अधिवेशन की शुरुआत के पहले  दिन वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने राज्य की वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट में राज्य की विकास दर को लेकर अलग-अलग दावे किए गए हैं। इस मुद्दे पर विपक्षियों ने सरकार को घेरा। मार्च 2019 में सरकार द्वारा जारी किए गए आर्थिक आंकड़ों पर दुनियाभर के 108 अर्थशास्त्रियों एवं सांख्यिकी शास्त्रियों ने आपत्ति जताई है। देश के पूर्व आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियम ने भी यही दावा किया है। उन्होंने विकास दर ढाई प्रतिशत ज्यादा दर्शाए जाने की बात कही है। उनके कथन के आधार पर धनंजय मुंडे ने वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पर भी संदेह जताया है।

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