काला धन कानून को प्रभावी बनाने पर हाईकोर्ट के रोक पर सुप्रीम कोर्ट का हंटर चला, लगाया स्टे 

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नई दिल्ली, 22 मई : पोलीसनामा ऑनलाईन – कालाधन का मामला एक बार फिर से सुर्खियों में है। हर बार की तरह कालेधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट को दखल देनी पड़ी है। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी जिसमे कहा गया था कि काला धन अधिनियम, 2016 की जुलाई, 2015 (कानून के अस्तित्व में आने से पहले ) से प्रभावी बनाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

सुप्रीम कोर्ट के जज अरुण मिश्रा और जज एमआर शाह की अवकाशकालीन पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के 16 मई के उस फैसले पर स्टे लगा दिया है जिसमे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को वीवीआईपी हेलीकॉप्टर मामले के आरोपी गौतम खेतान के खिलाफ काला धन मामले में कार्रवाई  पर रोक लगा दी थी। पीठ ने खेतान को भी नोटिस जारी कर 6 सप्ताह में अपना जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।

हाईकोर्ट की रोक को केंद्र ने गलत माना
हाईकोर्ट ने खेतान की याचिका पर आदेश पारित कर दिया था। दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को केंद्र सरकार ने चुनौती दी थी। केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने पीठ के समक्ष कहा कि पूर्व तारीख से काला धन अधिनियम को प्रभावी बनाने के केंद्र सरकार के अधिनियम पर हाईकोर्ट दवारा रोक लगाना गलत है।

कोर्ट ने माना खेतान की दलीलों में दम
गौरतलब है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 16 मई को खेतान के खिलाफ चल रहे मामले पर यह कहते हुए अंतरिम रोक लगा दी थी कि खेतान की दलीलों में दम है। खेतान का कहना था कि यह अधिनियम 2016 में आया है लेकिन इसे एक 1 जुलाई 2015 से प्रभावी बनाया गया है। इसलिए यह गैरकानूनी है । हाईकोर्ट ने कहा था कि आखिर अधिनियम को पूर्व तारीख से कैसे प्रभावी बनाया जा सकता है।

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