तेजस्वी का हमला… मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं नीतीश, इसलिए कर रहे हैं बहकी-बहकी बात

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पटना. ऑनलाइन टीम – बिहार चुनाव में अब सब हथकंडे आपनाए जा रहे हैं। साम, दाम, दंड, भेद का सहारा लिया जा रहा है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच अभी मंगलवार को ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी जनसभाओं में तेजस्वी यादव पर तंज किया था कि वह सरकार बनते ही 10 लाख लोगों को नौकरी देने की बात करते हैं। इन नौकरियों के लिए पैसा कहां से आएगा। बुधवार को तेजस्वी ने पलटवार करते हुए ट्वीट किया कि 15 साल शासन करने के बाद वह यह सवाल पूछ रहे हैं। इसका मतलब है कि वह मानसिक और शारीरिक रूप से थक चुके हैं। उनको बताना चाहिए कि जो 60 घोटाले इन लोगों ने किए हैं वो लगभग 30,000 करोड़ बिहार के बजट का पैसा है, वो कहां गया।

बहरहाल, सीएम नीतीश लगातार लालू कुनबे पर हमला बोलते जा रहे हैं। कहा कि पति-पत्नी के शासनकाल में महिलाओं को कोई इज्जत नहीं मिलती थी। पुलिस बल में उनकी नियुक्ति नहीं होती थी। आज प्रतिशत महिलाएं पुलिस में काम कर रही हैं। उन्हें हर मौके मिल रहे हैं। बिजली के मामले में भी काफी सुधार हुआ है। हर घर नल का जल 2 माह में पूरा हो जाएगा। घर-घर शौचालय काम पूरा कर लिया गया है। पक्की गली नली योजना का निर्माण चल रहा है। अस्पतालों में भी काफी सुधार हुआ है।

वहीं अन्य सभाओं में तेजस्वी ने कहा कि नीतीश कहते हैं कि लालटेन का जमाना चला गया, लेकिन मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि तीर का युग समाप्त हो चुका है। अब इसकी जगह मिसाइल ने ले ली है। तेजस्वी ने कहा कि 15 वर्षों में बिहार में एक सुई का भी एक कारखाना नहीं लग सका। वहीं मेरे पिता ने मधेपुरा और मढ़ौरा में रेलवे के कारखाने लगवाए। और तो और, जनता की दुहाई देने वाली सरकार ने महामारी के दौरान कोरोना पीड़ितों के साथ अन्याय किया। राज्य में कोरोना घोटाला किया गया है।

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