पढाई का तनाव झेल नहीं पाया 12वीं छात्र, खुद को असफल बताकर, लगा लिया ‘मौत का फंदा’
बीड : पोलिसनामा ऑनलाईन – “जीवन में मैंने एक अच्छा इंसान बनने की बहुत कोशिश की, लेकिन में हमेशा में असफल रहा.” यह उस छात्र के अंतिम शब्द है, जिसने पढ़ाई के तनाव के चलते मौत को गले लगा लिया. अंबाजोगाई में आत्महत्या करने का यह बेहद ही दुखद व सनसनीखेज मामला सामने आया है. यहाँ के एक 12 वीं के छात्र ने खुद की जीवन-लीला इसलिए समाप्त कर ली, क्योंकि वह खुद को असफल समझता था. अब इस दर्दनाक घटना के बाद से माता-पिता के हाल बेहाल हैं व इलाके में शोक की लहर फैल गई है.
क्या है मामला
18 वर्षीय मृतक छात्र का नाम गुरुप्रसाद रामप्रसाद घाडगे है. गुरुप्रसाद, योगेश्वरी कॉलेज की 12 वीं कक्षा का छात्र था. वह अपने पता-पिता के साथ शहर के योगेश्वरी नगर इलाके में रहता था. बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ दिनों से वह काफी तनाव में था. जिस दिन इस छात्र ने उक्त घटना को अंजाम दिया, उस दिन वह रोज की तरह कॉलेज भी गया था.
घर की दीवार पर लिखा सुसाइड नोट
बुधवार को कॉलेज से लौटने के बाद लगभग 4 बजे उसने अपने स्टडी रूम की दीवार पर अपना सुसाइड नोट लिखा कि, ‘इस दुनिया में जीना हमारे सोचने से कहीं अधिक कठिन है. मैंने हमेशा बेहतर इंसान बनने की कोशिश की, लेकिन हर बार मैं असफल रहा. मॉम-डैड… मैं आपका अच्छा लड़का नहीं बन सका, मुझे माफ करना. मैं इस स्थिति में जीवित नहीं रह सकता. मैं सबकुछ छोड़ रहा हूं… (यह नोट इंग्लिश में लिखा था.)
हादसे के वक्त माँ-बाप नहीं थे घर, शाम के 7 बजे हुआ खुलासा
हालाँकि इस समय छात्र के माता-पिता घर पर नहीं थे. माँ की तबियत खराब होने से वे दोपहर में अस्पताल गई थीं और शिक्षक पिता स्कूल में थे. माँ-बाप ने घर पहुंचने के बाद बेटे के रूम का दरवाजा खटखटाया लेकिन काफी कोशिशों के बाद भी दरवाजा नहीं खुला. इसके बाद जब दरवाजा तोडा गया तो, बेटे को छत से फंदे में लटकता हुआ पाया. इस समय 7 बज रहे थे.
दो बहनों का था इकलौता भाई
बता दें कि गुरुप्रसाद की दोनों बहनों में इकलौता भाई था. दोनों बहनों की शादी हो चुकी है. अब बेटे के चले जाने से माता-पिता पर दुखों का फाड़ टूट पड़ा है.
पुलिसभी इसे आत्महत्या का मामला मान रही है, लेकिन हो सकता है कि पुलिस यह जानने के लिए स्कूल प्रशासन से पूछताछ करे कि, छात्र पर पढाई को लेकर कोई दबाव तो नहीं डाला गया था.