राधाकृष्ण विखे के किले में ‘सुरंग’ बनाने के लिए ठाकरे सरकार ने खेला ‘पॉवर’ फुल गेम?

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अहमदनगर : पोलिसनामा ऑनलाइन – आख़िरकार कल ठाकरे सरकार के मंत्रिमंडल ने शपथ ले ली है. इस दौरान तीनों पार्टियों के मंत्रियों ने शपथ ली. इसके बाद अब यह चर्चा शुरू है कि इस शपथ-ग्रहण के जरिए ठाकरे  सरकार ने विखे पाटिल के किले में सुरंग करने की कोशिश की है. क्योंकि विखे के दुश्मन माने जाने वाले गडाख, तनपुरे और थोरात को मंत्री बनाकर विखे को घेरने का प्रयत्न किया गया है.

एक ही पार्टी में होते हुए थोराट और विखे के बीच संघर्ष को पार्टी बखूबी जानती थी. लेकिन विखे के भाजपा में जाने के बाद, अब प्रत्यक्ष वप्रत्यक्ष रूप से सत्ताधारी और विपक्ष में संघर्ष देखा जा सकेगा. इसलिए विखे के विरोधियों को मजबूत किया जा रहा है. इसलिए,  कल के मंत्रिमंडल विस्तार से स्पष्ट होता है कि विखे के विरोधियों को ताकत देकर, उन्हें कमजोर बनाने की ओर कदम बढ़ा दिया गया है.  राहुरी के बीजेपी विधायक शिवाजी कर्डीले को हराकर प्राजक्त तानपुरे विधायक बने. ऐसी चर्चा थी कि कर्डीले को हराने के लिए विखे ने तानपुरे की सहायता की थी. वहीं कर्डीले ने विखे के खिलाफ सीधे पार्टी में शिकायत की है. वास्तव में तानपुरे और विखे के बीच एक पारंपरिक राजनीतिक दुश्मनी है. इसलिए, विखे के विघटन के लिए तनपुरे को कैबिनेट दिया गया है.

साल 1991 में आयोजित यशवंतराव गडाख और बालासाहेब विखे पाटिल के बीच लोकसभा के चुनाव के बारे में बहुत से लोग जानते हैं. इसके बाद, दोनों समूहों में शत्रुतापूर्ण वातावरण बन गया था, जो कि अब भी बरकरार है. आज भी, स्थानीय स्तर पर यह देखा जा सकता है. वर्तमान में जिला परिषद, विखे की पत्नी शालिनीताई विखे के पास है, लेकिन क्या पार्टी बदलने के बाद भी विखे अपना प्रभुत्व बनाए रखेंगे? यह देखना महत्वपूर्ण होगा. शायद इसीलिए विखे को उनके ही गढ़ में पराजित करने के लिए विरोधियों को सुरंग बनाने के लिए ठाकरे मंत्रियों को ताकत दी गई है.

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