कोरोना प्रोटोकॉल…घबराहट पैदा करने वाला मैसेज फेक है, डब्लूएचओ ने लॉकडाउन का कोई शेड्यूल नहीं दिया है
नई दिल्ली. पोलिसनामा ऑनलाइन- एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस मैसेज में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के हवाले से लॉकडाउन के शेड्यूल का दावा किया जा रहा है। अब सरकार की तरफ से इस पर प्रतिक्रिया दी गई है। अब आधिकारिक रूप से बताया गया है कि यह मैसेज पूरी तरह से फेक है। डब्लूएचओ ने ऐसा कोई भी प्रोटोकॉल या फिर लॉकडाउन की कोई प्रक्रिया जारी नहीं की है। इस मैसेज ने लोगों की घबराहट बढ़ा दी थी और लोग बुरी तरह परेशान हो गए थे। दरअसल, मैसेज में कहा गया था डब्लूएचओ की तरफ से लॉकडाउन का शेड्यूल जारी किया गया है। इस मैसेज में कहा गया था कि संगठन ने लॉकडाउन को चार चरणों में बांटा है और भारत सरकार इसका ही पालन कर रही है। मैसेज के मुताबिक पहले चरण में एक दिन का लॉकडाउन होगा और फिर इसके बाद 21 दिनों के लॉकडाउन वाला दूसरा फेज शुरू होगा। इसमें पांच दिनों की ढील दी जाएगी। पांच दिनों की ढील के बाद लॉकडाउन का तीसरा फेज शुरू होगा जो 28 दिनों का होगा। इसके बाद इसमें फिर से पांच दिनों की ढील दी जाएगी। फिर आखिरी चरण होगा जो कि 15 दिनों का होगा।
डब्लूएचओ ने की तारीफ : बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया था। लॉकडाउन तीन हफ्ते का था और 14 अप्रैल को खत्म हो रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के डॉक्टर डेविड नाबारो ने भारत के इस फैसले को एक साहसिक फैसला करार दिया है।
यूरोपियन थिंक टैंक ने भी की प्रशंसा : एम्सर्टडम स्थित थिंक टैंक यूरोपियन फाउंडेशन फॉर साउथ एशिया स्टडीज (ईएफसास) की तरफ से कहा गया है कि भारत में सरकार की तरफ से लॉकडाउन का जो फैसला किया गया, वह सही दिशा में उठाया गया एक संवेदनशील और बड़ा कदम है। 1.3 बिलियन लोगों के लॉकडाउन कोई बहुत आसान और सहज फैसला नहीं रहा होगा, इसलिए कि भारत जैसे देश में जहां भिन्न-भिन्न जनसांख्यिकीय (डेमोग्राफी) के लोग शहरों और गांवों में रहते हैं।