बीड़, 10 जून : एक ही मिशन, मराठा का ओबीसीकरण, ऐसा नारा लगाते हुए मराठवाड़ा मराठा आरक्षण समिति ने मराठा समाज के ओबीसी में शामिल करने की मांग की है। इसके लिए मराठवाड़ा में मराठा आरक्षण संघर्ष समिति ने जगह जगह बैठक करने की शुरुआत की है और जनजागृति मुहीम चला रही है। ओबीसी मराठा समाज का हक़ है और उसे लेकर ही रहेंगे। ऐसा विश्वास समिति के अध्यक्ष प्रदीप सालुंखे ने बात करते हुये व्यक्त की। ऐसे में एक बार फिर से आने वाले समय में राज्य में मराठा वर्सेज ओबीसी का संघर्ष शुरू होने की तस्वीर उभर रही है।
ओबीसी समाज का लोकल बॉडीज में आरक्षण तय होने की वजह से ओबीसी समाज आक्रामक है। इस पर मराठा समाज दवारा ओबीसी में आरक्षण देने की मांग किये जाने से मराठा समाज आमने सामने नज़र आ रहे है। हैदराबाद संस्था में मराठवाड़ा शामिल होने से मराठा समाज का भारी नुकसान हुआ है। तेलंगाना में मराठा समाज को आज भी कुणबी के रूप में ओबीसी में आरक्षण है। निजाम कालीन दस्तावेज की तलाश के लिए समिति गठित किया जाए और सबूत देने की मांग प्रदीप सालुंखे ने की है।
तोड़फोड़ और रास्ता रोको करके या मोर्चा निकलने पर कोर्ट ध्यान नहीं दे रही है। इसलिए क़ानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी। मराठवाड़ा के मराठा ओबीसी होने का दावा सालुंखे ने किया है।
हैदराबाद संस्था में आने वाले कर्नाटक, आंध्र प्रदेश राज्य में मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण का लाभ मिला लेकिन मराठवाड़ा के मराठा समाज को ओबीसी आरक्षण से वंचित रखा गया है। मराठवाड़ा के मराठा समाज को ओबीसी में शामिल कर शिक्षा और नौकरी में आरक्षण दिया जाए, इसके लिए छावा मराठा संगठन के संस्थापक अध्यक्ष किशोर चव्हाण ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में मराठवाड़ा से क़ानूनी सहयोग करेंगे।
मराठवाड़ा के मराठाओं को ओबीसी में शामिल करने की मांग को लेकर नया विवाद शुरू होने की आशंका है।
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