सुपरवाइजर की सिर्फ ‘इस’ कारण कर दी ‘हत्या’; चारों आरोपी गिरफ्तार
पुलिस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि, हर्षद दुगड़ कल्याण स्थित एक प्राइवेट कंपनी में सुपरवाइजर के रूप में काम कर रहा था. गोपीचंद और दशरथ कंपनी में मजदूर थे. दुगड़ ने दोनों की कामचोरी करने की शिकायत सीनियर्स से की थी. नतीजतन, कंपनी ने दोनों का दो महीने का वेतन रोक दिया था. वेतन रोके जाने से दोनों नाराज थे. इसके बाद उन्होंने दुगड़ को खत्म करने की योजना बनाई. दोनों ने दुगड़ को आधारवाड़ी के डंपिंग ग्राउंड क्षेत्र में चोरी की बैटरी देखने के बहाने बुलाया. दुगड़ जैसे वहां पहुंचे आरोपियों ने दो अन्य नाबालिगों की मदद उनकी गला घोंट कर हत्या कर दी. इसके बाद शव को डंपिंग ग्राउंड के नाले में फेंक दिया और उपर से कचरा ढंक दिया.
लंबे समय तक हर्षल दुगड़ के घर नहीं पहुंचने पर उनके परिवार ने पुलिस में शिकायत की. हर्षद के कॉल रिकॉर्ड्स की जांच करते हुए, पुलिस को पता चला कि दुगड़ ने आखरी कॉल अपने एक दोस्त को किया था. पुलिस ने उस दोस्त से संपर्क किया. इसके बाद दोस्त के फोन की रिकॉर्डिंग सुनने के बाद पता चला कि, कॉल के अंत में, दुगड़ की गोपी… गोपी… चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी और उसके बाद फोन होल्ड पर चला जाता है.
फोन रिकॉर्डिंग और फोन की लोकेशन के आधार पर जाँच की गई तो पुलिस को सुपरवाइजर द्वारा दोनों आरोपियों के बारे में की गई शिकायत के बारे में जानकारी मिली. पुलिस ने दोनों आरोपियों से कड़ी पूछताछ की, जिसके बाद सच सामने आ पाया. अब दोनों आरोपियों सहित दो नाबालिगों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. घटना के बाद दुगड़ के परिवार का कहना हैं कि, अगर हर्षद को उन दोनों पर संदेह था, तो बिना किसी को बताए वे अकेले क्यों चले गए? शायद परिवार का यह सवाल हमेशा के लिए सवाल बन कर ही रह जाएगा!